बुंदेलखंड शौर्यशाली अतीत व स्वर्णिम भविष्य का क्षेत्र है। वर्तमान विकास की तीव्रगतिकीय वेग इस क्षेत्र की महत्ता को चार चांद लगा रहा है।वैसे बुंदेलखंड के संपूर्ण जिले चाहे उत्तर प्रदेश के हों या मध्य प्रदेश के, पर्यटन के लिहाज से ऐतिहासिक व जीवंत स्थल है। विदित हो कि बुंदेलखंड में 13 जनपद हैं, जिसमें 07 जनपद उत्तर प्रदेश के व 06 जनपद मध्य प्रदेश के हैं। उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण 07 जनपदों में क्रमशः पावन स्थल चित्रकूट, ऐतिहासिक जनपद बांदा, वीरभूमि महोबा,राजा हम्मीर देव की स्थली हमीरपुर, वेदव्यास की जन्मभूमि जालौन, रानी लक्ष्मीबाई की कर्मस्थली झांसी,महाराजा सुम्मेर सिंह की धर्म पत्नी ललिता देवी के नाम पर नामित जनपद ललितपुर हैं,जो ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण हैं।ऐसे ही मध्य प्रदेश के 06 जनपदों में क्रमशः महाराजा छत्रसाल की भूमि छतरपुर,1783 ई ओरछा के शासक विक्रमजीत सिंह बुंदेला (1776 – 1817 ई.) ने ओरछा से अपनी राजधानी टेहरी जिला टीकमगढ़ में स्थानांतरित कर दी थी। टीकमगढ़ नाम, टीकम (श्री कृष्ण का एक नाम) से पड़ा।यह भी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जनपद हैं।ऐसे ही भारत की हृदय स्थली कहे जाने वाले सागर,रानी दमयंती के नाम पर स्थापित जनपद दमोह, महाराजा छत्रसाल की राजधानी व रानी पद्मावती के नाम पर स्थापित जनपद पन्ना,प्रतापी बुंदेला राजा वीर सिंह जूदेव द्वारा स्थापित जनपद दतिया है।
ऐसे ही महोबा जिले का एक अतीत के इतिहास व जल के महत्व को संजोए “चरखारी”है। चरखारी को बुंदेलखंड का “कश्मीर” कहा जाता है। रमणीय प्राकृतिक दृश्य व प्रकृति के गोद में स्थित यह स्थल पुरातन इतिहास को प्रकृति प्रेम व उन्नत जल प्रबंधन की वैज्ञानिक पद्धति से जोड़ता है। अडिग विजय स्तंभ से खड़े पहाड़ व प्राचीन तालाबों के जल इसके ‘पवित्रता व स्थिरता’ को दर्शाते हैं।यह क्षेत्र पर्यटन के दृष्टिकोण से उज्जवल व अनुसंधात्मक भविष्य को दर्शाता है।
यहां अनेकों तालाब हैं। वास्तव में यह बेहतरीन प्राचीन जल प्रबंधन के आधुनिक उन्नत अभियांत्रिकी तकनीकी को स्पर्श करता है।साथ ही जल संग्रह व वर्षा जल संचयन की प्रवृत्ति को प्रेरित करता है। बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में वर्षा जल संचयन की महत्ता स्पष्ट है।इस हेतु शासन-प्रशासन द्वारा संचालित वर्षा जल संचयन अभियान भी महत्वपूर्ण है। यहां अनेकों जीवंत नाम से अवस्थित तालाब पवित्र दैवीय व सिद्ध स्थल से कमतर नहीं हैं।ये तालाब पूजनीय स्थल हैं।
घने मेघ के छांव में यहां का भौगोलिक परिदृश्य मानवीय अन्तस् मन को स्वयं में समाहित कर लेता है। अनेक ऐतिहासिक किले इतिहास की किंवदंतियों से जुड़कर रोमांचक अनुभव देती हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे व डिफेंस कॉरिडोर बुंदेलखंड के अवसंरचनात्मक विकास को प्राण दे रहे हैं।यह व्यावसायिक गतिविधियों के साथ ही पर्यटन प्रेमियों व शोधार्थियों की यहां तक पहुंच आसान व तीव्र करती है। चरखारी जल प्रबंधन व वर्षा जल संचयन की पुरातन प्रेरणा स्थल है। अवसंरचनात्मक विकास का संगीतमय कलरव गान, शौर्यशाली अतीत व स्वर्णिम भविष्य का क्षेत्र, ऐतिहासिक पुरातन गाथा तथा धार्मिक पवित्रता के भाव को संजोए ‘वीर भूमि’ बुंदेलखंड जब भी भ्रमण को जायें तो उन्नत जल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन की प्रेरणा लेने बुंदेलखंड के कश्मीर ‘चरखारी प्रकृति प्रेम व नवाचार शोध के लिए बेहतर विकल्प के रूप में चयन किया जा सकता है।
धर्मजीत त्रिपाठी
अपर मुख्य अधिकारी
पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश
(लेखक बुंदेलखंड के मामलों के विशेषज्ञ हैं)