सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर, नए नए नियम कानून के चलते वर्ष में केवल चार माह चलने वाले ईंट भट्टों की स्थिति बेमौसम की बरसात ने चार महीने की चलने की स्थिति में भी नहीं छोड़े| जनपद की जनता को ईंट मिलनी हो जाएगी मुश्किल, प्रधानमंत्री योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले लाभ में भी आएंगी बाधाएं| ईंट ना मिलने की स्थिति में विकास कार्य भी हो जाएगा ठप्प| स्थिति नहीं सुधरी और हमारी सरकार ने भी भट्टा स्वामियों के हुए नुकसान के बारे में नहीं सोचा तो जनपद वासियों का मकान बनाना भी रह जाएगा।
केवल एक सपना यह कहना है व्यापारी नेता भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय गोयल का उन्होंने कहा कि मार्च माह में हुई कई राउंड बारिश ने भट्टे पर रखी कच्ची ईंटों को मिट्टी में तब्दील कर दिया है स्थिति यह है कि भट्टों में पकाने के लिए कच्ची ईंट नहीं हैं| और पसारों में बारिश का पानी भर जाने से अभी कच्ची ईंट बनने की स्थिति भी नहीं है|
ईंट भट्टे का व्यवसाय कर रहे संजय गोयल ने बताया कि जनपद में लगभग 400 ईट भट्टे हैं प्रत्येक भट्टे का आकलन करें तो इस बेमौसम की बारिश से लगभग अकेले जनपद में ही 25 से 30 करोड़ रुपये का नुकसान भट्ठा स्वामियों को हुआ है |हम भट्टा स्वामी अपनी सरकार से मांग करते हैं कि भट्ठा स्वामियों को आर्थिक हानि से बचाने के लिए जीएसटी में कम से कम 50% की छूट और इस वर्ष की भट्टा रॉयल्टी माफ की जाए |
भट्ठा स्वामियों को आर्थिक मदद के रूप में आकलन कर भट्टा स्वामी को दस-दस लाख रुपये आर्थिक मदद दी जाए|