कांग्रेस रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई, बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं पर माल एवं सेवा कर (GST) में वृद्धि को लेकर एक रैली करेगी. राहुल गांधी समेत पार्टी के कई अन्य नेता इस रैली को संबोधित करेंगे.
इसमें देश के अन्य हिस्सों के अलावा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे. इस रैली के जरिए कांग्रेस मोदी सरकार पर चौतरफा हमला करेगी. रविवार को होने वाली रैली के मद्देनजर मध्य दिल्ली के रामलीला मैदान और उसके आसपास सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.बता दें कि कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सरकार पर हमला करती रही है और कहती रही है कि ये आम लोगों के मुद्दे हैं और इस पर सभी मंचों पर चर्चा होनी चाहिए.
राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं बेरोजगारी, महंगाई और बढ़ती नफरत है. वहीं, रैली से एक दिन पहले शनिवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर महंगाई और बेरोजगारी जैसे जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया और कहा कि वह एक सशक्त विपक्ष होने के नाते आम लोगों से जुड़े विषय को उठाती रहेगी.
कांग्रेस से आजाद होने के बाद गुलाम नबी की पहली रैली
उधर, कांग्रेस से आजाद होने वाले गुलाम नबी भी जम्मू में अपनी पहली जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. इस दौरान वो अपनी नई पार्टी का ऐलान भी कर सकते हैं. अपने इस्तीफे में कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने वाले आजाद रविवार को अपना हमला और तेज कर सकते हैं. गांधी की रैली के दिन ही जम्मू कश्मीर में होने जा रहे आजाद के इस कार्यक्रम से यह देखने वाली बात होगी कि क्या उस दिन कुछ और खुलासे होंगे. आजाद कह चुके हैं कि उनका इस्तीफा बस शुरुआत है. यह इस बात का संकेत है कि वह आने वाले दिनों में गांधी परिवार पर अपना प्रहार तेज करेंगे.
बातचीत करने से किसी का DNA नहीं बदल जाता
आजाद ने शनिवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अपने पुरानी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक विरोधियों से मिलने और बातचीत करने से किसी का डीएनए बदल नहीं जाता है. पिछले दिनों आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी नेतृत्व खासकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था. इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था कि आजाद का रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है और उनका डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है.