- -एफएल-8 लाइसेंस के लिए आबकारी विभाग ने जारी किया लाइसेंस
- -3 लाख 75 हजार रुपए सिक्योरिटी मनी का हुआ भुगतान
गाजियाबाद। इंडियन रेलवे की शान कहलाने वाली महाराजा एक्सप्रेस की सफारी ट्रेनों के यात्रियों को अब उत्तर प्रदेश भ्रमण के दौरान भी शराब मिल सकेगी। जिला आबकारी विभाग ने महाराजा एक्सप्रेस में एफएल-8 लाइसेंस के लिए रेलवे विभाग को लाइसेंस जारी किया है। सालभर का यह लाइसेंस गाजियाबाद के लिए किया गया है। इससे सरकार को राजस्व में फायदा होगा। हालांकि ट्रेनों में शराब का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित और दंडात्मक है इसलिये इसे पैसेंजर ट्रेनों के बजाय विशेष टूरिस्ट ट्रेनों में बेचा जाएगा। इसके अंतर्गत ट्रेन में सवार यात्रियों को ऑन डिमांड यूपी की शराब उपलब्ध हो सकेगी। इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉपरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने इसके लिए पिछले दिनों जिला आबकारी अधिकारी से अनुमति मांगी थी
इस ट्रेन में यात्रियों को मदिरापान कराने के लिए अलग से कोच की व्यवस्था है। बेहद स्पेशल यह ट्रेन खासकर देश-विदेश के पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर संचालित की गई है। महाराजा एक्सप्रेस के जरिए पर्यटक देश के विभिन्न पर्यटक स्थलों का सफर करते हैं। इस ट्रेन के भीतर एक तरह से शाही सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। महाराजा एक्सप्रेस की खासियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस ट्रेन में सफर करने के लिए प्रत्येक यात्री को करीब 2 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। टिकट का शुल्क बेशक ज्यादा लगे, मगर ट्रेन में सवार होने के बाद यात्रियों को शाही जिंदगी का अहसास होने लगता है। यह ट्रेन बनारस, आगरा, फतेहपुर सिकरी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से होकर गुजरती है। जहां पर्यटन स्थलों तक पर्यटक आसानी से पहुंच पाते हैं। प्रत्येक राज्य की तरफ से यात्रियों की सुविधा को देखकर रेलवे के साथ एफएल-8 लाइसेंस का अनुबंध किया जाता है। यह अनुबंध आबकारी विभाग और रेलवे के मध्य होता है। शराब के शौकीन यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर यह अनुबंध होता है। इसी क्रम में जिला आबकारी विभाग ने गाजियाबाद के लिए एक साल का लाइसेंस जारी किया है। अनुबंध राशि 15 लाख रुपए है। फिलहाल विभाग की तरफ से 3.75 लाख रुपए सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा करा दिए गए हैं। बताया जाता है कि महाराजा एक्सप्रेस (आईआरसीटीसी) में शराब परोसने के लिए अलग से कोच की व्यवस्था है। संबंधित कोच में जाकर यात्री मनपसंद ब्रांड का ऑर्डर दे सकते हैं। एफएल-8 लाइसेंस का लाइसेंस जारी होने से आबकारी विभाग के राजस्व में वृद्धि होगी। इसके अलावा यूपी की शराब की भी बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि महाराजा एक्सप्रेस में एफएल-8 लाइसेंस की मद में आबकारी विभाग को कुल 15 लाख रुपए का भुगतान करना है। 3 लाख 75 हजार रुपए सिक्योरिटी मनी का भुगतान कर दिया गया है। एक साल का यह लाइसेंस गाजियाबाद के लिए किया गया है। इस अनुबंध से निश्चित रूप से विभाग की आय में बढ़ोत्तरी होगी। राजस्व में वृद्धि करने को हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।