सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलन्दशहर : में दो जातियों में संघर्ष के चलते तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है वहीं पुलिस ने जनपद को जातीय संघर्ष की आग से बचाने के लिए कड़ा कदम उठाते हुए दोनों पक्षों से 120 लोगों को मुचलका पाबंद करते हुए दोनों पक्षों की एफआइआर दर्ज कर ली है साथ ही मुकदमा दर्ज कर यह संदेश दे दिया है कि किसी को भी आपसी सौहार्द बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी दो दिन पहले 15 फरवरी को बुलन्दशहर के थाना नर्सेना क्षेत्र के गांव ढलना में शादी में चढत को लेकर दलित और ठाकुर समाज के लोगों में आपसी विवाद हो गया था।
जिसके बाद बीते कल 16 फरवरी को ठाकुर समाज के लोगों ने दलित समाज पर आरोप लगाया कि दलित समाज के लोगों ने उनके पूर्वज महाराणा प्रताप के बोर्ड को उखाड़ कर फेंक दिया था जिसकी वीडियो भी ठाकुर समाज के लोगों ने बनाकर वायरल की राणा प्रताप का बोर्ड उखाड़ने से नाराज ठाकुर समाज के लोगों ने दलित समाज के युवक की पिटाई कर घायल भी कर दिया था।
जिसके बाद दोनों पक्षों की तहरीर पर थाना नर्सेना में मुकदमा पंजीकृत किया गया इसी बीच गांव में भारी पुलिस भी तैनात कर दिया गया ताकि दोनों पक्षों में विवाद आगे ना बढ़े और बड़ी घटना घटने न पाए एक बार फिर से ठाकुर समाज के लोग एसएसपी कार्यालय पर एसएसपी से मिलने पहुंचे ठाकुर समाज के लोगों ने कहा कि गांव में दो हजार की जनसंख्या है जिनमें की मात्र डेढ़ सौ संख्या ठाकुर समाज के लोगों की है।
आए दिन गांव में दलित समाज के लोग ठाकुर समाज के लोगों के साथ गाली गलौज और बदतमीजी करते है ठाकुर समाज के पूर्वज महाराणा प्रताप का बोर्ड गांव में ठाकुर समाज के लोगों के द्वारा लगाया गया था जिसे तीन बार दलित समाज के लोगों ने तोड़ कर जमीन में गिरा दिया है वह लोग अपनी फरियाद लेकर एसएसपी से मिले एसएसपी ने उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
ठाकुर समाज इस पर एसएसपी ने ठाकुर समाज के लोगों को भी समझाते हुए कहा कि किसी को अपने हाथ में कानून नहीं लेना चाहिए जो भी कानून मिलेगा सभी के लिए पर्याप्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी गांव में महाराणा प्रताप का बोर्ड लगाने को लेकर दो जातियों में आपसी विवाद हुआ था फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है दोनों पक्षों से 120 से ज्यादा लोगों को दो लाख के मुचलके के साथ पाबंद किया गया है।
साथ ही कुछ गांव के ही मूल निवासी सरकारी अधिकारियों के द्वारा बाहर रहते हुए गांव की अमन और शान्ति भंग करने की साजिश करने की बात सामने आई है अगर इन अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलते है तो इनके खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी ।