महुआ अवैध शराब के धंधे को जड़ से खत्म करने के लिए आबकारी विभाग ने बढ़ाया पहरा, तस्करों के साथ अब भू-स्वामी के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

लखनऊ। जिले के ग्रामीण इलाकों में भी महुआ अवैध शराब का बड़ा कारोबार है। जिसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए आबकारी विभाग की टीम दिन-रात मशक्कत कर रही है। मगर कार्रवाई के कुछ दिन बाद फिर से अवैध शराब का कारोबार शुरू हो जाता है। देहात क्षेत्र में होने वाले महुआ शराब के निर्माण के अवैध कारोबार का आबकारी विभाग अपनी कार्रवाई में कई बार भंडाफोड़ कर चुकी है। तस्कर इतने शातिर है कि हर बार जगह बदल-बदल कर अवैध शराब का निर्माण करते है। पुलिस से बचने के लिए घर, तालाब किनारे, बाग, जंगल आदि में छोटी शराब की भट्टी बनाकर घर के बर्तनों का इस्तेमाल करते है। जिसमें उन्हें ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता है। कम लागत में मोटा मुनाफा कमाने की चाह में देहात क्षेत्र के हर घर में अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। इस अवैध शराब के धंधे में जहां पुरुष बाहर का काम संभालते है तो वहीं महिलाएं घर में रहकर इस अवैध शराब के धंधे में अपनी अहम भूमिका निभाती है और पुलिस की निगरानी के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे ही कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई देता है तो उनके पहुंचने से पहले बच्चे इसकी सूचना दे देते है।

जिस कारण जब भी कोई कार्रवाई होती है, तस्कर आसानी से भाग जाते है। अगर गलती से महिलाएं इस अवैध शराब के धंधे में पकड़ी भी जाती है तो उन्हें चेतावनी देकर थाने से ही जमानत दे दी जाती है। जिसका फायदा इन पुरुषो को मिल जाता है। मगर अब अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए आबकारी विभाग ने अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए शराब तस्करों पर शिकंजा कस दिया है। अगर कहीं भी अवैध शराब का निर्माण होता हुआ पाया जाता है तो अब थाने से जमानत तो छोड़िए सीधा जेल की हवा खानी पड़ेगी वो कम से कम 6 माह या फिर इससे अधिक भी जेल में रहना पड़ सकता है। इसके साथ जिस स्थल पर अवैध शराब का निर्माण किया जा रहा है, उक्त स्थल के भूस्वामी की भी तलाश की जाएगी। जिसमें उसे भी आबकारी विभाग अपनी कार्रवाई में शामिल करेगा।

आबकारी विभाग की इस कार्रवाई से काफी हद तक अवैध शराब के कारोबार में कमी आ सकती है। जिसके लिए आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सभी आबकारी निरीक्षकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अब सिर्फ कच्ची शराब बरामद करने से काम नहीं चलेगा। इस कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए सख्ती दिखाए और पकड़े जा रहे तस्करों को थाने से जमानत न दी जाए इसका विशेष ध्यान रखें। साथ ही जिस स्थल से अवैध शराब बरामद किया जा रहा है। वहां के भू स्वामी का पता कर उसे भी अपनी कार्रवाई में शामिल करें। अगर इस तरह से कार्रवाई होगी तो कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन पर इस तरह के कारोबार को नहीं होने देगा। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने अवैध शराब के धंधे का भंडाफोड़ करते हुए कच्ची शराब से भरे ड्रम व लहन को बरामद करते हुए महिला तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया जिले में अवैध शराब के निर्माण, परिवहन, बिक्री के खिलाफ विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत आबकारी विभाग की सभी टीमें अपने-अपने क्षेत्र में लगातार चेकिंग एवं शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। रविवार को आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-3 लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, सेक्टर-5 विवेक सिंह, प्रवर्तन आबकारी निरीक्षक राम अवध सरोज, धीरेन्द्र चौधरी की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम इंद्रजीत खेड़ा अंतर्गत थाना मोहनलालगंज और ग्राम सिठौराखुर्द व सिठौराकला अंतर्गत थाना गोसाईगंज में दबिश की कार्यवाही की गई। दबिश के दौरान सघन तलाशी में लगभग 90 लीटर अवैध कच्ची शराब एवं 350 किलोग्राम लहन बरामद किया गया। बरामद शराब को जब्त करते हुए लहन को मौके पर नष्ट कर दिया गया।

अवैध शराब के निर्माण में एक महिला तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया। आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कुल 4 अभियोग पंजीकृत किए गए। तस्करों ने कार्रवाई से बचने के लिए तालाब, घर के पीछे, जंगल व आम के बाग में गड्ढा खोदकर अवैध शराब से भरे ड्रमों को छिपाया हुआ था। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया देहात क्षेत्र में होने वाले अवैध शराब के निर्माण को पूरी तरह से खत्म करने के लिए आबकारी निरीक्षकों को लगातार कार्रवाई करने के साथ-साथ मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए है। साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि अगर देहात क्षेत्र में अवैध शराब के निर्माण के कार्य में किसी भी निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसलिए प्रभावी कार्रवाई करते हुए इस धंधे को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए और वहां प्रधान, चौकीदारों को कार्रवाई में सहयोग के लिए उनसे अपने संपर्क सूत्र को मजबूत किया जाए। जब संपर्क सूत्र मजबूत होंगे तो कार्रवाई करने में भी आसानी रहेगी। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।