लखनऊ। महुआ के फूल का नाम लेते ही लोगों के जेहन में सबसे पहले महुआ से बनने वाली शराब का ही ख्याल आता है, लेकिन वही महुआ फूल ग्रामीणों को ऐसे समय में रोजगार देता है जब वे बेरोजगार होते हैं, क्योंकि इससे केवल शराब ही नहीं बनती बल्कि औषधियों के निर्माण में भी महुआ अहम भूमिका निभाता है। ग्रीष्मकाल के दौरान खेतिहार मजदूरों को जब काम नहीं मिलता तो वे महुआ एकत्रित कर इसे बेचने का कार्य करते हैं। इन दिनों गांव में पीला सोना कहे जाने वाले महुआ फूल टपकना शुरू हो गया है। ग्रामीण सुबह से ही महुआ फूल का संग्रह करने खेतों और जंगलों का रुख कर रहे हैं। इन लोगों से शराब निर्माण, बिक्री से लेकर तस्करी तक का काम कराया जा रहा है। रुपयों का लालच देकर निर्माण से लेकर तस्करी तक में महिलाओं और युवाओं को उतार दिया गया है। जबकि मलाई तो तस्कर मार रहे हैं। महुआ शराब कारोबार में लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र के अलावा आसपास के जिलों में भी जोरों पर चल रहा है।
महुआ फूल समेटने के लिए ग्रामीण पूरे परिवार के साथ सुबह से ही जंगलों व खेतों की ओर चले जाते हैं। इस दौरान सुरक्षा के लिए हाथ में लाठी व महुआ फूल रखने के लिए टोकरी साथ लेकर जाते हैं। सूर्य उदय होने के बाद फूल गिरना कम हो जाते हैं। महुआ के पेड़ किसानों के लिए कल्पवृक्ष से कम नहीं है, क्योंकि जहां इस पेड़ के फूल बिकते हैं वहीं इस पेड़ की पत्तियां भी काम आती हैं। इस पेड़ की पत्तियों से ही पत्तलो का निर्माण होता है। तो वहीं महुआ का इस्तेमाल अब अवैध शराब के कारोबार में किया जा रहा है। अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों को सुधारने के लिए आबकारी विभाग की मुहिम लगातार जारी है। नहीं सुधरने वालों को उनकी सही जगह सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। दरअसल आबकारी विभाग अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई तो कर ही रहा है, साथ ही इस कारोबार में लिप्त लोगों को सुधारने का मौका भी दे रहा है। मगर आबकारी विभाग की कार्रवाई के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के कुछ तस्कर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। ऐसे तस्करों के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। अवैध शराब के निर्माण में लिप्त तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने आम के बाद, जंगल और नदी किनारे व घर के अंदर छिपाकर रखी कच्ची शराब से भरी बोतल और लहन को बरामद किया है।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के आदेश के क्रम में पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी के निर्देशन में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए जनपद में प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। मंगलवार को आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-3 लक्ष्मी शंकर बाजपेई, आबकारी निरीक्षक सेक्टर-10 अखिल कुमार गुप्ता एवं आबकारी निरीक्षक प्रवर्तन-2 गुंजन सक्सेना ने अपनी टीम प्रधान/ आबकारी सिपाही अजीतपाल सिंह, विजय शंकर, स्मिता, प्रभात कुमार के साथ थाना मोहनलालगंज अंतर्गत ग्राम इंद्रजीत खेड़ा और थाना पीजीआई अंतर्गत ग्राम मवैया में तालाब के किनारे, खेतों, आम के बाग, नदी किनारे एवं जंगलों व संदिग्ध स्थानों पर दबिश और सघन तलाशी अभियान चलाया। दबिश के दौरान के टीम को मौके से लगभग 35 लीटर अवैध कच्ची शराब और 450 किलोग्राम लहन बरामद हुआ। बरामद लहन को मौके पर नष्ट कर दिया। आसपास के लोगों से अवैध शराब के बारे में जानकारी ली गई, मगर कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया अवैध शराब के निर्माण पर शिकंजा कसने के लिए आबकारी विभाग ने अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ा दिया है। ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले महुआ अवैध शराब के निर्माण को रोकने के लिए आबकारी विभाग की टीमें लगातार दबिश एवं छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा अब घर, आम के बाग व खेत में छिपाकर रखी गई शराब या फिर निर्माण होता पाया गया तो संबंधित घर, आम के बाग व खेत मालिक के खिलाफ आबकारी विभाग कार्रवाई करेगा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि अपने आसपास होने वाले अवैध शराब के कारोबार की सूचना आबकारी विभाग का दें। जिस पर आबकारी विभाग की टीम कार्रवाई कर सकेंं। वहीं तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि अवैध शराब का धंधा या तो छोड़ दें नहीं तो सलाखों के पीछे जाने के लिए तैयार रहें। भले ही आबकारी विभाग की दबिश से पहले तस्कर भागने में कामयाब हो जाते है। मगर उनकी गिरफ्तारी के लिए नई रणनीति तैयार कर ली गई है। जिस जगह से अवैध शराब बरामद होगी, उस जगह खेत, घर व आम के बाग मालिकों की जानकारी जुटाकर उन पर कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग अपनी इस कार्रवाई से अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगा पाने में पूरी तरह से सफल होता नजर आ रहा है।