IN8@पिनगवां….रविवार को हरियाणा राजस्थान के सुनहेडा बॉर्डर पर मेवाती किसान मोर्चा के तत्वाधान में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में मेवात के लोगों ने ही नहीं बल्कि हरियाणा, यूपी ,राजस्थान के किसानों ने भारी भीड़ इकट्ठा कर काफी जोश दिखाया। इस महापंचायत में आए हुए किसानों का भारी जनसैलाब देखकर देश के बड़े-बड़े किसान नेता गदगद नजर आए। इतना ही नहीं महापंचायत में भारी भीड़ का जोश और उत्साह देखते ही बन रहा था। मेवात की जनता के साथ साथ आए हुए सभी किसानों ने सभी नेताओं को जमकर सुना और उनका तालियां बजाकर लगातार हौसला बढ़ाते रहें। इस दौरान किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह लड़ाई लुटेरे और कमरों की बीच की लड़ाई है इस लड़ाई में सभी कमरे लोगों को जमकर और डटकर लड़ना है ,ताकि लुटेरे लोगों को जो देश को लूट कर खा रहे हैं उनको सबक सिखाया जा सके । उन्होंने कहा कि आज पूरा देश का किसान इकट्ठा होकर इस तानाशाही सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहा है, लेकिन सत्ता में बैठे सत्ता के नशे में चूर चंद लोगों की कठपुतली बने हुए नेेात किसानों की बातों को अनसुना कर कर किसानों के साथ ज्यादती करने का काम कर रहे हैं।
मेवात के सुन्हेडा जीराहेड़ा बॉर्डर पर सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिए मोलाना अरसद मीलखेडा के नेतृत्व मे रविवार को हुई महापंचायत में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी व गोरव टिकैत व भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद साथ में नूंह जिले के तीनों कांग्रेस विधायक आफताब अहमद, मामन खांन, इलियास मोहम्मद सहित महापंचायत में लगभग 60 हजार किसानों ने महापंचायत में हिस्सा लिया। वही किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा की मेवात इलाके ने जो भाईचारे का संदेश दिया है मैं उसका हमेशा आभारी रहूंगा। उन्होंने कहा कि आज हम क्रांतिकारी इलाका मेवात में हैं। देश के अंदर जो भाईचारा है वह सभी धर्म का धर्म का भाईचारा है अब भारतीय मजदूर किसान एक हो चुका है। बीजेपी ने हमेशा देश के लोगों को जाति व धर्म के नाम पर बांटती आ रही है, लेकिन अब यह पेट की लड़ाई रह गई है, यह आर्थिक आजादी की लड़ाई है, हम जब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हम यह लड़ाई जीत नहीं जाते। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में ढाई महीने से हम लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें करीब 200 किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन यह कुर्बानी कितनी ही लंबी क्यों ना चले लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। आज देश गुलाम होने को जा रहा है मजदूर किसानों का रोजगार छीना जा रहा, वही चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा को जमकर धोया और कहा कि भाजपा सरकार ने एक-एक करके कभी दलित कभी मुस्लिम कभी सरदार पर वार किया है।
लेकिन आज समय आ गया है एकजुट होने का, किसान, मजदूर का कोई जात व धर्म नहीं होता, हमें एकजुट होकर सरकार से लड़ाई लड़नी है और सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापसी करा कर ही पीछे हटेंगे। इस मोके पर मोलाना मुफ्ती सलीम अहमद, मोलाना याहाया,हाजी गुलाम मोहम्मद, रसीद एडवोकेट, अरसद एडवोकेट, समय सिंह सलंबा, फारूक अब्दुल्ला एडवोकेट, रमजान चौधरी, सलामुद्दीन एडवोकेट, कासिम मेवाती ,शेर मोहम्मद, सहित काफी किसान व समाजसेवी संस्थाओं के लोगों ने भारी संख्या में भाग लिया।