नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के कुछ किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर (Kisan Credit Card) बिना गारंटी लोन देने की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है. जबकि यह पहले 1.60 लाख रुपए ही था. इससे लोन लेना आसान हो जाएगा. लेकिन यह सुविधा सबको नहीं मिलेगी. जिन किसानों का दूध सीधे तौर पर मिल्क यूनियनों द्वारा खरीदा जाता है, उन्हीं को यह लाभ मिलेगा. इससे दुग्ध संघों से जुड़े डेयरी किसानों (Dairy farmers) के लिए सस्ते दर पर पैसे की उपलब्धता होगी और बैंकों को कर्ज चुकता होने का आश्वासन भी मिलेगा.
देश में 1.7 करोड़ किसान ऐसे हैं जो 230 मिल्क यूनियनों के साथ जुड़े हैं. अगर ये लोग अपना कारोबार लेने के लिए पैसा चाहते हैं तो उन्हें बिना कोलैटरल के पैसा मिलेगा.
क्योंकि इनकी गारंटी मिल्क यूनियनों (Milk Unions) के पास होती है. वहां से सरकार अपना पैसा ले सकती है. अन्य किसानों के लिए यह व्यवस्था 1.60 लाख तक ही सीमित रहेगी.
केसीसी कवरेज बढ़ाना चाहती है सरकार
देश में अभी मुश्किल से 7 करोड़ किसानों के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है, जबकि किसान परिवार 14.5 करोड़ हैं. सरकार इसे बढ़ाना चाहती है ऐसे में अब डेयरी सेक्टर से जुड़े लोगों पर दांव चला गया है. सरकार बिना गारंटी लोन इसलिए दे रही है ताकि वे साहूकारों के चंगुल में न फंसे.15 दिन के अंदर कार्ड जारी करने का आदेश
केंद्र सरकार ने बैंकों से कहा है कि लोन के लिए आवेदन जमा करने के 15 दिन के अंदर केसीसी जारी करें. केसीसी पर बैंकों (Banks) के सभी प्रोसेसिंग चार्ज खत्म कर दिए गए हैं. बैंकिंग सिस्टम किसानों को कर्ज देने से कतराता रहा है.