वाशिंगटन: काफी सियासी उठा-पटक के बाद आखिरकार अमेरिका में नई सरकार बन गई है। डेमोक्रेट जो बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने जो बाइडन को देश के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई। साथ ही भारतीय मूल की पहली अमेरिकी महिला कमला हैरिस ने भी उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। सत्ता की कुर्सी पर बैठते ही जो बाइडेन ने वही किया, जिसकी उम्मीद पूरी दुनिया को थी। राष्ट्रपति की कुर्सी पाते ही जो बाइडेन ने कई ऐसे महत्वपूर्ण फैसले लिए और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेशों को पलट दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही दिन कई फैसलों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें प्रमुख तौर पर पेरिस जलवायु समझौता है। व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में अमेरिका की फिर से वापसी होगी। बाइडन ने पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल होने का ऐलान किया। उन्होंने देश की जनता से चुनाव के दौरान यह वादा किया था। इतना ही नहीं, जो बाइडेन ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग तेज करने के इरादे से एक महामारी कंट्रोल करने के एक फैसले पर दस्तखत किया। इस आदेश के मुताबिक, उन्होंने मास्क को और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य कर दिया है।
इसके अलावा, जो बाइेडन ने डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए अमेरिका में ‘मुस्लिम ट्रैवल बैन’ को भी खत्म कर दिया। ट्रंप ने इसके तहत कुछ मुस्लिम देशों और अफ्रीकी देशों के अमेरिका में ट्रेवल पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं, बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने के ट्रंप के फैसले को भी पलट दिया और इसके लिए फंडिंग भी रोक दी। इस फैसले के बाद मैक्सिको ने जो बाइडेन की प्रशंसा की है।
इतना ही नहीं, अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन के विस्तार पर भी रोक लगाने के आदेश पर दस्तखत किए हैं। कीस्टोन एक तेल पाइपलाइन है, जो कच्चे तेल को अल्बर्टा के कनाडाई प्रांत से अमेरिकी राज्यों इलिनोइस, ओक्लाहोमा और टेक्सास तक ले जाती है। बाइडन ने कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन के खिलाफ बात की थी और यहा कहा था ‘टार सैंड्स’ की हमें जरूरत नहीं है। बाइडन के राष्ट्रपति अभियान का एक प्रमुख वादा कीस्टोन एक्सएल परियोजना को रद्द करने की प्रतिबद्धता थी।