गाजियाबाद। रेप की शिकार 19 साल की लड़की की मौत हो गई। सोमवार तड़के वह दिल्ली सफदरजंग में जिंदगी की जंग हार गई। लेकिन, मौत से पहले मजिस्ट्रेट के सामने उसने दुष्कर्मी का नाम लिख दिया था। युवती झारखंड की रहने वाली थी। यहां एक सोसायटी में सुरक्षाकर्मी की नौकरी करती थी। पीडि़ता के मौसेरे भाई ने तीन लोगों के खिलाफ दरिंदगी करने की एफआईआर लिखवाई है। पीडि़ता के मौसेरे भाई का आरोप है कि रेप के बाद आरोपियों ने कोल्डड्रिंक में जहर मिलाकर जबरदस्ती पिला दिया। पीडि़ता डेढ़ महीने पहले ही नौकरी के लिए गाजियाबाद आई थी। रविवार को ही इस मामले में मुख्य आरोपी सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। झारखंड निवासी युवती क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र में अपनी मौसी के घर रहती थी। वो एक सोसाइटी में बतौर सिक्योरिटी गार्ड तैनात थी। रविवार दोपहर युवती के मौसेरे भाई ने डायल-112 को कॉल करके उसके साथ तीन युवकों द्वारा गैंगरेप करने की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सहकर्मी पीडि़ता को ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी स्थित वृंदावन हॉस्पिटल ले गए। लेकिन, हालत गंभीर होने के कारण उसे सफदरजंग के लिए रेफर कर दिया। इस मामले में पीडि़ता के मौसेरे भाई ने सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय और दो अज्ञात युवकों पर गैंगरेप करने, मारपीट करने, कपड़े फाडऩे की एफआईआर दर्ज कराई है। पीडि़ता के भाई ने आरोप लगाया कि मेरी बहन की हालत बहुत गंभीर थी। उसके कपड़े फटे थे। मुंह से झाग आ रहा था। सफदरजंग हॉस्पिटल में वह वेंटिलेटर पर उसको रखा गया था। मेरी बहन को रेप के बाद कोल्डड्रिंक में जहर मिलाकर जबरदस्ती पिलाया गया। इससे उसकी हालत बिगड़ती चली गई।
डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस हॉस्पिटल पहुंची। यहां डॉक्टरों ने बताया कि युवती ने कुछ जहरीला पदार्थ खाया है। इससे उसकी हालत बिगड़ गई है। इसी बीच, मजिस्ट्रेट भी बयान दर्ज करने के लिए हॉस्पिटल पहुंच गए। पीडि़ता बहुत ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं थी, लेकिन कागज पर लिखकर बयान दिया। इसमें उसने घटना में अजय के शामिल होने की बात लिखी है। बाकी दो अज्ञात युवकों का जिक्र लिखित बयान में नहीं है। इस आधार पर पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया यह घटनाक्रम सोसाइटी के बेसमेंट की है। जहां पर सिक्योरिटी सुपरवाइजर का कमरा है। इस पूरे मामले में गहनता से जांच की जा रही है। वहां पर मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। वेव सिटी थाना पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है। उसमें सुपरवाइजर अजय के साथ दो अज्ञात युवक दिखाए गए हैं। जबकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीडि़ता ने मजिस्ट्रेटी बयान में सिर्फ अजय का नाम लिखा है। अन्य दो युवकों का कोई जिक्र नहीं किया है। ऐसे में इस बात की जांच की जा रही है कि घटना में सिर्फ एक ही व्यक्ति शामिल था या तीन थे। यानी, यह रेप का मामला है या गैंगरेप का। पुलिस का कहना है कि सोसाइटी के ष्टष्टञ्जङ्क कैमरों की फुटेज देखी गई है, लेकिन उसमें कुछ नजर नहीं आ रहा।
सोसाइटी में ही तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने बताया, पीडि़ता दोपहर में हमारे पास आकर बैठ गई। उनकी हालत ठीक नहीं लग रही थी। हमने पूछा- तबीयत तो ठीक है? अगर ठीक नहीं है तो दवा दिलवा दें। भूख लगी है तो खाना खिलवा दें। वो गुमसुम बैठी रही। जब हमने जोर देकर पूछा, तब उसने हमें पूरा वाकया बताया।
इस सक्योरिटी गार्ड ने बताया, दोपहर में सुपरवाइजर अजय सिंह का फोन आया और कुछ काम के बहाने पीडि़ता को अंदर बेसमेंट में बुलाया था। इसके बाद पीडि़ता बाहर करीब आधा घंटे बाद लौटी तो वो गुमसुम थी।
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