सुरेंद्र सिंह भाटी@बुलंदशहर जहांगीराबाद। अनूपशहर विधानसभा पर 10 फरवरी कों प्रत्याशीयों का भाग्य वोटिंग मशीन में कैद हों गया, मगर चाय की चुस्की के साथ हार-जीत के घोड़े रोज बदस्तूर दौड़ रहें, देखना यह की किसका घोड़ा अव्वल अता हें। क्षेत्र में वोटिग समाप्ति के बाद लोगों में कयासों का दौर जारी है। चौक चौराहों पर जीत हार का चर्चा गर्म हो गया है।
सामाजिक समीकरण जातीय समीकरण और दलीय समीकरण को मिलाकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।
सभी पार्टियों के समर्थक व उनके नेता जीत हार के गणित को समझने में मशगूल हैं।बस अड्डे के समीप स्थित चाय की दुकान पर सुबह से ही लोगो की बैठकी जमी रहती हें । जहां चाय की चुस्की लेते हुए लोग आने वाले चुनाव परिणाम पर चर्चा कर रहे थे। परिणाम को लेकर सबका अपना-अपना समीकरण हें।अमूमन शहर के सभी चाय की दुकानों कुछ ऐसा ही नजारा हें । वहीं चुनावी दंगल में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों में भी चुनाव परिणाम को लेकर उत्सुकता देखी गई।
वे अपने कार्यकर्ताओं व नेताओं से पल पल की जानकारी लेते रहें। इस बार के चुनावों में मतदाताओं की खामोसी के कारण बड़े बड़े चुनावी पंडित भी सकते में हैं। हालांकि इतना जरूर है कि जातिगत समीकरण का यहां के अधिकतर विधानसभा सीटों पर गहरा प्रभाव रहा है।