-30 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद कर 350 किलो लहन को किया नष्ट
लखनऊ। गर्मी का मौसम शुरू होते ही ग्रामीण इलाकों में महुआ फूलों की मदमस्त खुशबू बिखरने लगी है। महुआ फूल पेड़ों से टपकना शुरू हो गया है। ग्रामीण महिला-पुरुष व बच्चे अहले सुबह उठकर गांव से लेकर जंगलों तक महुआ पेड़ के नीचे जाकर महुआ चुनने निकल जाते हैं। परंतु महुआ उनके भोजन के साथ स्वरोजगार से जुड़ा हुआ है। जो महुआ की खुशबू से गमक रहा है। मगर ग्रामीण के महिला-पुरुष अब महुआ का उपयोग अवैध शराब के निर्माण में कर रहे है। आबकारी विभाग की लगातार छापेमारी की कार्रवाई के बाद भी अवैध शराब का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जब भी आबकारी विभाग की टीम कार्रवाई करती है, कुछ दिन मामला शांत रहने के बाद फिर से अवैध शराब का धंधा तेजी पकड़ने लगता है।
लोकसभा चुनाव से पहले गांव-गांव में अवैध देशी कच्ची शराब परोसने बड़े पैमाने पर जिले के अलग-अलग खेत, घर, बगीचे एवं तालाब के किनारे भट्टी लगाकर महुआ लाहन से कच्ची शराब तैयार की जा रही है। चुनाव को देखते हुए आबकारी विभाग टीमें सक्रियता से इस मामले की कार्रवाई करने में जुट गई है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार वोटरों को लुभाने के लिए प्रत्याशी कोई कसर नहीं छोड़ते है। जिससे दूसरे प्रत्याशी को मिलने वाला वोट को अपनी झोली में डाल सकें। इसके लिए वोटरों का पूरा ध्यान रखा जाता है। जिसमें उनके खाने से लेकर पीने की भी व्यवस्था की जाती है। प्रथा है जैसी वोट, वैसे नोट के साथ शराब का वितरण किया जाता है। शहरी क्षेत्र में अंग्रेजी शराब तो ग्रामीण क्षेत्र में महुआ की अवैध शराब को बांटा जाता है। मगर इन सबके बीच जिला आबकारी अधिकारी ने चुनाव से पहले ही ऐसे शराब माफिया से निपटने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर शराब माफिया के खिलाफ जंग छेड़ दी है।
लोकसभा चुनाव में शराब माफिया की हर चाल पर नजर रखने व कार्रवाई करने के लिए पुलिस, आबकारी विभाग, राज्य कर विभाग एवं प्रशासन की संयुक्त टीमों का गठन किया गया है। जो दिन रात अवैध शराब के खिलाफ मिलकर संयुक्त कार्रवाई कर रही है। मौके पर कच्ची शराब के भट्टी को नष्ट कर आसपास छिपाए गए महुआ लाहन को मौके पर नष्ट किया जा रहा है। आगामी 20 मई को जनपद में लोकसभा चुनाव का मतदान होना है। चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए आबकारी विभाग की टीम भी अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नही छोड़ रहा है। दिन हो या फिर रात शराब तस्करों को जनपद से खदेड़ने और उन्हें सलाखों के पीछे भेजने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने अभियान के दौरान विभिन्न स्थानों पर दबिश दी और मौके से कच्ची शराब और लहन को बरामद किया गया।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत उ प्र शासन एवं आबकारी आयुक्त, उप्र के आदेश के क्रम में पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी के निर्देशन में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए जनपद में प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार को आबकारी निरीक्षक लक्ष्मीशंकर बाजपेई, अखिल कुमार गुप्ता एवं प्रधान/आबकारी सिपाही विजय शंकर, अजीत पाल सिंह, स्मिता की टीम द्वारा थाना नगराम अंतर्गत ग्राम भज्जाखेड़ा में संदिग्ध घरों, खेतों, बगीचे एवं तालाबों के किनारे आदि संदिग्ध स्थानों पर दबिश और छापेमारी की गई। आबकारी विभाग की दबिश को देख ग्रामीण क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस दौरान आबकारी विभाग की टीम ने लगभग 30 लीटर अवैध कच्ची शराब और 350 किलो लहन बरामद किया। कच्ची शराब को जब्त करते हुए बरामद लहन को मोके पर नष्ट कर दिया।
आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में 2 अभियोग पंजीकृत किए गए। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के साथ-साथ क्षेत्र में अवैध रूप से अवैध शराब का धंधा करने वालों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। चुनाव के मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्र में हो रहे अवैध शराब के निर्माण पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग की टीमें दिन-रात दबिश एवं शराब तस्करों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। लखनऊ में चोरी-छिपे शराब तस्करी करने वाले तस्करों की भी सूची तैयार की गई है। साथ ही शराब तस्करी में लिप्त हाल ही में जेल गए तस्करों पर निगरानी रखने के लिए आबकारी निरीक्षकों को निर्देश दिए गए है। जिससे यह पता चल सके, शराब तस्करी में लिप्त तस्कर जेल से छूटने के बाद फिर से शराब तस्करी तो नहीं कर रहे है।
राजमार्ग, राष्ट्रीय मार्ग पर चेकिंग के दौरान आबकारी विभाग के साथ अब राज्य कर/जीएसटी की टीमें भी अपना सहयोग दे रही है। चुनावों के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब का इस्तेमाल होता है। चुनाव के दौरान अक्सर शराब की बिक्री में भी बढ़ोतरी देखी जाती है। इसी पर लगाम कसने के इरादे से आबकारी विभाग ने ये कदम उठाया है। जनपद लाइसेंसी सभी शराब की दुकानों से बिकने वाली शराब की एक-एक बोतल का प्रतिदिन हिसाब लिया जा रहा है। रोजाना दुकानों की बिक्री और शेष स्टॉक का मिलान किया जा रहा है। आमतौर पर शराब की बिक्री का रिकॉर्ड माह के अंत में तैयार होता है।
अनुज्ञापी माह के अंत में अपनी बिक्री व शेष स्टॉक का रिकॉर्ड भेजते हैं और फिर जिला स्तर से समग्र रिपोर्ट बनकर मुख्यालय तक भेजी जाती है। हालांकि चुनाव में इस बात की प्रबल आशंका होती है कि वोटरों को प्रभावित करने के लिए प्रत्याशियों या उनके समर्थकों की ओर से शराब का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग की ओर से कमर कस ली गई है। इसके तहत विभाग ने जिले में बिकने वाली शराब की एक-एक बोतल का हिसाब लेना शुरू कर दिया है। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी।