लखनऊ: मंदिरों में अर्पण के बाद फेंके या नदियों में प्रवाहित कर दिए जाने वाले फूल अब रोजगार का जरिया बन गए हैं. महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र और सीमैप ने इन फूलों को महिलाओं की आय का माध्यम बना दिया है. सरकारी प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में सीआईएसआर-सीमैप (केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान) लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा गोरखनाथ मन्दिर में चढ़ाए गए फूलों से निर्मित ‘श्री गोरखनाथ आशीर्वाद’ अगरबत्ती का लोकार्पण किया.
महिलाओं की आय का जरिया
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अब तक मंदिरों में चढ़ाए गए फूल फेंक दिए जाते थे या नदियों में प्रवाहित कर दिए जाते थे.
उन्होंने कहा कि इससे आस्था भी आहत होती थी और कचरे का संकट भी हो रहा था. उन्होंने कहा कि महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र और सीमैप ने इन फूलों को महिलाओं की आय का जरिया बना दिया है.
महिलाओं को जोड़ा जाएगा
सीएम योगी ने कहा कि इस कार्य में समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ा जाएगा और इससे महिलाएं घर का कार्य करते हुए अच्छी आय भी अर्जित कर सकेंगी. इससे हमारी मातृशक्ति के स्वावलम्बन का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
कई प्रकार की अगरबत्ती बनाई जाएगी
योगी ने कहा कि इससे इत्र भी बनाने का प्रयोग शुरू किया गया है, जो कि अत्यन्त सुगन्धित है. भविष्य में मांगलिक कार्यक्रमों के बाद निष्प्रयोज्य फूलों और घर की पूजा के बाद फेंके जाने वाले फूलों को भी इस अभियान में समाहित किया जाएगा. साथ ही, चढ़ाए गए बेलपत्र और तुलसी से भी कई प्रकार की अगरबत्ती बनाई जाएगी.