बुलंदशहर। जिला पंचायत अधिकारियों ने टैक्स जमा न करने वाले शराब कारोबारियों पर अपना शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। जिला पंचायत की कार्रवाई से जिला पंचायत क्षेत्रांतर्गत शराब कारोबारियों में खलबली मची हुई है। अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने शराब की दुकानों से लाइसेंस शुल्क और टैक्स वसूलने के सख्त आदेश दिए हैं। शराब दुकानदारों को नोटिस जारी किए जा रहे है। जिला पंचायत बुलंदशहर द्वारा समिति गठित कर विशेष अभियान चलाकर जिला पंचायत क्षेत्रान्तर्गत देशी/अंग्रेजी शराब व बीयर की दुकानों पर सख्ती दिखाते हुए एक माह में 25 लाख की वसूली की है। साथ ही लाइसेंस/कर शुल्क जमा नहीं करने वालों के खिलाफ नोटिस व आरसी जारी करने की कार्रवाई भी तेज कर दी है। जिला पंचायत को स्वयं के संसाधन से आमदनी बढ़ाने की दिशा में अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने पहले ही संकेत दे दिए थे। शासन की मंशा अनुसार जिला पंचायत सशक्त हों, आय का स्रोत बढ़े और आत्मनिर्भर बने, इस पर काम तेज कर दिया है।
जिला पंचायत क्षेत्रान्तर्गत में कोई भी व्यक्ति लाइसेंस के बिना कंपनी, फर्म दुकान, कारखाना आदि की स्थापना नहीं कर सकता है। जिला पंचायत बकायदा व्यवसाय के लिए शुल्क लेकर लाइसेंस जारी करता है। शुल्क भुगतान के बाद ही एक साल तक कारोबार की छूट दी जाती है। जिला पंचायत क्षेत्रान्तर्गत करीब 170 शराब की दुकानें है। जिसमें देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानों पर लाइसेंस फीस 5000 और 6000 सीपी टैक्स लगता है। साथ ही बीयर की दुकानों की लाइसेंस फीस 1000 रुपए और सीपी टैक्स 6 हजार रुपए है। जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी की सख्ती का असर है कि एक माह में 25 लाख रुपये की शराब की दुकानों से राजस्व वसूली हुई है। जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने और विकास कार्यों को तेजी बढ़ाने के लिए अपर मुख्य अधिकारी हर दिन नई रणनीति तैयार कर आगे बढ़ रहे है। जिससे विकास की रफ्तार बढ़ती रहें और जिला पंचायत आत्मर्भिर भी बनता रहें।
ग्रामीण इलाकों में रहकर विभिन्न कारोबार करने वालों से जिला पंचायत संपत्ति व विभव कर वसूल करता है। पेट्रोल पंप संचालक, गैस एजेंसी,वेयर हाउस अंग्रेजी शराब की दुकान, बीयर की दुकान सहित अनेकों मद से जिला पंचायत टैक्स वसूलती है। अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने बताया विशेष अभियान चलाकर देशी/अंग्रेजी शराब व बीयर की शेष दुकानों के व्यवसायियों से वसूली की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही जिन व्यवसायी की दुकानों का लाइसेंस/कर शुल्क जमा नहीं किया जाता है, तो शेष दुकानों के व्यवसायियों को नोटिस व आरसी जारी कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। जिला पंचायत के आय का स्रोत को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अधिकारी और कर्मचारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए है कि अभियान चलाकर प्रतिदिन कार्रवाई करें। टैक्स व लाइसेंस शुल्क जमा नहीं करने वालों की सूची तैयार की जाए और उस पर कार्रवाई भी की जाए। साथ ही आबकारी बकायेदारों से जिला पंचायत के राजस्व वसूली अभियान में अपेक्षित सहयोग देने के लिए जिला आबकारी अधिकारी को भी पत्र लिखा गया है।