सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर शिकारपुर नगर में बढ़ते जा रहे फास्ट फूड प्रचलन से लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों बीमारियां का शिकार हो रहे हैं। साग सब्जियों से दूर होते जा रहे हैं नौनिहालों को उचित पोषण नहीं मिल पा रहा है। लोग इससे होने वाली बीमारियों को नजरअंदाज कर इसे खाने में अपनी जान समझ रहे हैं ।
आज जंग फूड बच्चों के फेवरेट है, उनके घर वाले भी शौक से उन्हें बर्गर चाऊमीन मोमोज दिला देते हैं और कभी यह सोचा है कि यह फूड बच्चों का पेट तो भर देते हैं लेकिन उन्हें गंभीर बीमारियां भी दे रहे हैं। जंक फूड के चलते बच्चों में एनीमिया डिप्रेशन एंजाइटी चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं आ रही हैं।
इसके अलावा धीरे-धीरे उनकी वह खत्म होती जा रही है। तहसील क्षेत्र में फास्ट फूड रेस्टोरेंट, दुकान हथठेलिया की भरमार है। इन फास्ट फूड्स में उचित मात्रा में न्यूट्री नहीं होता है। इनमें मात्र आलू और मैदा का प्रयोग किया जाता है, जो कि लोगों की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। फास्ट फूड का प्रचलन महानगरों में था अब छोटे छोटे नगरों के कस्बों में तेजी से बढ़ रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में अछूता नहीं है।
परिवार की महिलाएं फास्ट फूड के बढ़ते प्रचलन के लिए कम जिम्मेदार नहीं है। काम से बचने के लिए बच्चों को मसाला डोसा इडली चाउमीन आज ही खिला कर उनकी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं। इन फास्ट फूड मै स्वास्थ्य की दृष्टि से कोई भी पोषक तत्व नहीं होता है, जिससे बच्चा स्वस्थ बन सके। बच्चों में मोटापा बढ़ाने में फास्ट फूड का बहुत बड़ा हाथ है।
इसके बढ़ते जा रहे प्रचलन में आने वाली पीढ़ी पर भी बड़ा प्रभाव है। इनके खाने का चस्का धीरे-धीरे बच्चों के साथ साथ बढो मैं भी बढ़ता जा रहा है । लोगों को पता नहीं है कि हर समय पेट खराब रहना किसी काम में मन नहीं लगना आदि फास्ट फूड के बढ़ते चरण का परिणाम है। डॉ विनोद कुमार शर्मा का कहना है हैबिट डिसऑर्डर के रूप में बच्चों को घर का बना हुआ खाना खाने की आदत कम सिखाई जा रही है उन्हें बाहर का जंक फ्रूट परोसा जाता है।
इसके चलते उन्हें कम भूख लग रही है । घर का खाना ना खाने से बच्चों में पूरी तरह से प्रोटीन नहीं जा पा रहा है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चा जब खाना खाना सीख रहा है तभी उसे दाल सब्जी चावल रोटी खाने की आदत डालनी चाहिए। सीएचसी प्रभारी डॉ शशि शेखर सिंह ने बताया कि नगर में 30 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे मोटापे के शिकार हैं।
इसकी वजह बच्चों में जंक फ्रूट की बढ़ती आदतें हैं। परिवार बच्चों का शुरुआत से ध्यान दें। ऐसे खानपान को दूर रखे । साथ ही पढ़ाई में कमजोर होना भी असंतुलित खानपन है। बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।