प्रमोद शर्मा @ गाजियाबाद। लॉकडाउन के कारण बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ी है। इस दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार अपने गृह राज्यों में लौटे हैं। प्रवासी कामगारों के अपने गृह राज्यों में लौटने से बेरोजगारी बढ़ गई है। इसी का फायदा उठाकर शातिर ठग भी एक्टिव हो गये है, जो कि बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे है।
ऐसे ही एक घटना का खुलासा इंदिरापुरम पुलिस ने किया है, जो लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए युवाओं को झांसे में लेकर रोजगार दिलाने के नाम पर ठगी करते है। गिरोह के एक साथी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं गिरोह के दो साथी फरार है।
सीओ इंदिरापुरम अंशु जैन ने बताया कि इंदिपुरम थाना प्रभारी संजीव शर्मा, एसआई मुनीश सिंह की टीम ने बुधवार सुबह मुखबिर की सूचना पर सैक्टर-14 वसुंधरा में जैनेटिक कंपनी के नाम संचलित फर्जी कॉल सेंटर पर दबिश की कार्रवाई की।
मौके से सुमित पुत्र संजय निवासी ग्राम दादरी दरौला मेरठ को 23 मोबाइल फोन, 28 खाली डिब्बे फोन के, 12 डेस्कटोप, 9 मॉनिटिर, 7 की बोर्ड, 12 डाटा केबिल, 17 मोबाइल चार्जर, 7 माउस, हेड फोन, चार वोडाफोन सिम, 5500 रूपए समेत गिरफ्तार किया गया।
सीओ अंशु जैन ने बताया कि आरोपित अपने साथियों के साथ मिलकर ओलेक्स ऐप से बेरोजगार युवकों का डाटा चुराकर रोजगार दिलाये जाने का ओलेक्स ऐप पर एडवरटाइजिंग देकर कॉलिंग द्वारा उनको अपनी बातों में फंसाकर 5 से 15 हजार रूपए की रकम फाइल चार्ज के नाम पर फर्जी खाते में डलवाते थे। फरार विकास फर्जी आईडी बनाकर बैंक में खाता खुलवाकर उसमें रूपए डलवाता था और अंकित फर्जी आइडी पर सिम उपलब्ध कराता था। ठगी के बाद सिम कार्ड बदल लेते थे।
उन्होने बताया कि लॉकडाउन के बाद से रोजगार के लिए भटक रहे युवाओं को 15 से 20 हजार रूपए सैलेरी का झांसा देते थे। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है। आरोपित पिछले एक वर्ष से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे, जो कि लाखों रूपए की ठगी कर चुके है।