विक्रम त्यागी बचाओं मंच के बैनर तले सातवें दिन धरना जारी
विनोद पांडेय@ गाजियाबाद। पुलिस विक्रम जोशी की जान तो नहीं बचा पाई लेकिन विक्रम त्यागी को भी ढूढने में असफल साबित हुई है। पेशे से बिल्डर विक्रम त्यागी 26 जून से लापता है और उनके खून से सनी गाड़ी अगले दिन यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में बरामद हुई थी।
पुलिस की नाकामी के बाद इस केस में यूपी एसटीएफ को लगाया गया लेकिन वह भी अब तक नाकाम ही नजर आ रही है। विक्रम त्यागी मामले में तीन जिले के साथ एसटीएफ की टीम भी लगी हुई है। विक्रम त्यागी बचाओं मंच को नगर निगम कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय त्यागी ने सोमवार को अपना समर्थन देते हुए पुलिस-प्रशासन से जल्द से जल्द घटना के खुलासे की मांग की। अजय त्यागी ने कहा कि यदि इस मामले का खुलासा नहीं किया जाता है और पीडि़त पक्ष को न्याय नहीं मिलता है तो वह मुख्यमंत्री से मिलकर मामले की शिकायत करेंगे।
उन्होंने पुलिस पुलिस द्वारा इस मामले में कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर रोष जताया। इसी तरह की घटनाओं से लोगों का कानून से विश्वास उठता है। इसलिए पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि वे बिल्डर विक्रम त्यागी को सकुशल बरामद करके उनके परिवार वालों को सौंपे।
अखिल भारतीय त्यागी ब्राहमण समाज इस धरने का भरपूर समर्थन कर रह है। त्यागी समाज का कहना है कि पुलिस अगर इस मसले का समाधान नहीं ढूढती है तो आने वानले दिनों इसे प्रदेशव्यापी आंदोलन बनाया जाएगा। समाज के वरिष्ठ लोगों का कहना है कि इस मसले में पुलिस की लापरवाही साफ उजागर होती है। इस मामले में विक्रम त्यागी बचाओ मंच का गठन कर आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन का नेतृत्व अखिल भारतीय त्यागी ब्राह्मण सभा कर रही है। विगत सात दिनों से राजनगर एक्सटेंशन में धरना दिया जा रहा है।
इस मामले में धरने में शामिल वरिष्ठ लोगों का कहना है कि इस मामले में अगर पुलिस सक्रिय भूमिका नहीं निभाती है तो आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा। पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने कहा कि पुलिस का लापरवाही इसमें साफ छल्लकती है। पहले दिन ही शिकायत के बाद रात साव नौ बजे तक विक्रम त्यागी की गाड़ी राजनगर एक्टेंशन में देखी गई।
इसके बावजूद अभी तक इस मामले का पेंच पुलिस नहीं सुलछा पाई। पुलिस अगर पहले दिन ही सक्रिय हो जाती तो इतना बड़ी अनहोनी घटना नही होती। इसके लिए विभाग की कार्यशैली जिम्मेदार है। धरने को समर्थन देने के लिए आज यानि मंगलवार को पूर्व राज्यसभा सांसद केसी त्यागी, पूर्व जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी बसंत त्यागी भी पहुंचेगें। इस दौरान गगन त्यागी, आशीष त्यागी, राजेंद्र त्यागी, पार्षद अनिल त्यागी, भदौली केडी त्यागी, बीएसपी नेता अमरीश त्यागी, केसी त्यागी, विपिन गर्ग, योगेश कुमार गर्ग, अखिल भारतीय त्यागी ब्राहमण समाज के जिलाध्यक्ष राकेश त्यागी, महानगर अध्यक्ष अजय त्यागी,मुकेश त्यागी, पुनीत त्यागी, अजय त्यागी, प्रेमचंद्र त्यागी, सुरेश त्यागी, रामकिशन त्यागी, राजेंद्र त्यागी, प्रभाकर त्यागी उपस्थित थे।
बता दें कि राजनगर एक्सटेंशन की केडीपी ग्रैंड सवाना सोसायटी में पत्नी निधि, बेटा व बेटी के साथ रहने वाले विक्रम जीडीए के ठेकेदार संजय त्यागी के भतीजे हैं और चाचा व तीन चचेरे भाइयों के साथ कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं। 26 जून को पटेलनगर स्थित कार्यालय से घर लौटते समय वह संदिग्ध हालात में लापता हो गए थे। चचेरे भाई अक्षय त्यागी ने थाना सिहानी गेट में उनके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मेरठ-मुजफ्फरनगर के बॉर्डर पर खतौली में भंगेला चेक पोस्ट पर 26 जून की आधी रात के बाद एक बजे पुलिस ने विक्रम की कार को रोका था, लेकिन कार में वह नहीं थे। कार में सवार दो लोग खुद को दिल्ली पुलिस से बता बैरीकेड गिराकर भाग गए थे। 13 घंटे बाद कार तितावी से लावारिस हालत में मिली थी, इसकी सीट पर पुलिस को खून मिला था। इसके बाद पुलिस ने खून के सैंपल को माता-पिता के खून के सैंपल के साथ डीएनए टेस्ट के लिए भेजा था। टेस्ट की रिपोर्ट में पुष्टी हो गई थी कि गाड़ी में मिला खून विक्रम त्यागी का ही था।