नई दिल्ली : ब्रिसबेन टेस्ट मैच में टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू करने वाले वॉशिंगटन सुंदर का प्रदर्शन पहले ही मैच में शानदार रहा था। सुंदर ने अपने पहले टेस्ट विकेट के रूप में स्टीव स्मिथ को पवेलियन की राह दिखाई थी, जबकि क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट की अपनी पहली पारी में उन्होंने 62 रन बनाए थे। सुंदर ने दूसरी इनिंग्स में भी पंत के साथ मिलकर एक बेशकीमती पार्टनरशिप की थी, जिसकी चलते भारतीय टीम गाबा के मैदान पर पहली बार कंगारू टीम को शिकस्त देने में सफल रही थी। सिडनी टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन के चोटिल होने के बाद वॉशिंगटन सुंदर को टीम में शामिल किया गया था। इसी बीच, सुंदर के डेब्यू से जुड़ा एक किस्सा फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने बताया है।
आर श्रीधर ने बताया कि वॉशिंगटन सुंदर की लंबाई के चलते उनके लिए बैटिंग पैड मिलना काफी मुश्किल हो गया था और मैच शुरू होने के बाद पैड को बाहर ढुकान से लाना पड़ा था। तेलंगाना टुडे के साथ बातचीत करते हुए फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने बताया, ‘हमने काफी पैड को इस्तेमाल किया, लेकिन वह सब लंबे सुंदर के लिए काफी छोटे थे। हम ऑस्ट्रेलिया से लेने की कोशिश करते, लेकिन कोविड के चलते वह अपने पैड को इस तरह खराब नहीं करते। आखिरकार, हमको मैच शुरू होने के बाद बाहर ढुकान से खरीदकर उनके लिए पैड लाने पड़े।’
वॉशिंगटन सुंदर ने पहली पारी में स्मिथ समेत तीन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को चलता किया था, जबकि बल्लेबाजी में उन्होने शार्दुल ठाकुर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए रिकॉर्ड 123 रनों की साझेदारी की थी। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर साल 1911 के बाद सातवें नंबर पर डेब्यू करते हुए सुंदर ने सबसे अधिक रन बनाने का खास रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। शार्दुल और सुंदर के बीच हुई सातवें विकेट की साझेदारी गाबा के मैदान पर सबसे बड़ी पार्टनशिप भी थी। सुंदर बतौर नेट गेंदबाज के तौर पर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे।