बुलंदशहर आज कैदी ही सही मगर, हमें भी वतन प्यारा है।तिरंगे की शान बढ़े, ये भी फर्ज हमारा है।
उपरोक्त मर्मस्पर्शी पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए शाहजहांपुर जेल में कैदी तिरंगा तैयार करने में जुटे हैं। उनकी भावनाओं को देखते हुए कारागार प्रशासन उन्हें पूरा सहयोग कर रहा है।
सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव के तहत” हर घर तिरंगा “उत्सव को शान व भव्य रूप से मनाने में कैदी भी अपनी आहूति देने के लिए आगे आए हैं। शाहजहांपुर जेल में सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र में कैदी तिरंगे तैयार कर रहे हैं। अभी तक 6500 तिरंगे तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
आवश्यकतानुसार और अधिक तिरंगे तैयार करने के लिए बंदी तैयार हैं। वह अपने हाथ से तिरंगा तैयार कर गर्व महसूस कर रहे हैं कि भले हम जेल में हैं, लेकिन देशभक्ति की भावना हमारे अंदर भी धधक रही है।
इस पावन कार्य में केवल पुरुष ही नही महिला कैदी भी पीछे नहीं हैं। वह बढ़चढ़कर तिरंगे तैयार करने में जुटी हैं। उनके बच्चे भी उनके साथ तिरंगे तैयार करने में हाथ बटा रहे हैं।
महिला व पुरुष कैदियों द्वारा तैयार तिरंगे सभी अधिकारियों व स्टाफ तथा सभी 1600 से अधिक बंदियों को उपलब्ध कराए जायेंगे तथा प्रशासन व जनसामान्य को भी निशुल्क भेंट किए जायेंगे।
ये तिरंगे स्वंय सेवी संगठन व अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल, शाहजहांपुर के सहयोग से प्राप्त कच्चे माल से तैयार किए जा रहे हैं।
वीपी सिंह गोल्डी, महामन्त्री, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल, शाहजहांपुर के सौजन्य से तिरंगा तैयार करने हेतू सामग्री उपलब्ध कराई गई।मिजाजीलाल, जेल अधीक्षक, शाहजहांपुर।