प्रमोद शर्मा@ दिल्ली । शिक्षकों और उतरी निगम के कर्मचारियों के वेतन पर आज स्वत संज्ञानयाचिका पर हुई सुनवाई मे शिक्षको के वेतन मामले मे उच्च न्यायालय ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार कड़ी लगाई ।
सुनवाई मे अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा दायर याचिका W.P.C 3833 / 2020 पर सुनवाई करते हुए आज जस्टिस हिमा कोहली ने दिल्ली सरकार और निगम को शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन के लिए कितना पैसा देना होता है ये स्पष्ट करके एक सप्ताह शपथपत्र फ़ाइल करने को कहा । संघ के अधिवक्ता रणजीत शर्मा ने बताया कि आज जून के वेतन के लिए 49 करोड़ जारी किए हैं जिससे शिक्षकों को वेतन मिलेगा ।
महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सीमा माथुर ने बताया कि न्यायालय ने निगम द्वारा केवल मार्च का वेतन और सिर्फ covid duty करने वालों को वेतन देने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए निगम के अधिकारियों को फटकार लगाई । एवं सभी अध्यापको का वेतन जारी करने को कहा ।
संघ के महासचिव रामचन्द्र डबास ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को है । दिल्ली सरकार ने कोर्ट मे बताया कि मई से जून तक प्रतिमाह निगम को 49.17 करोड़ रु. शिक्षको के वेतन मद मे जारी किया गया है ।
डबास ने आरोप लगाया कि अभी तक उत्तरी निगम के अध्यापको को मार्च माह का वेतन नही मिला है मार्च का वेतन सिर्फ 5000 कोविड ड्यूटि करने वाले अध्यापको को ही मिला है । अप्रैल , मई एवं जून तीन माह का पैसा भी निगम प्रशाशन को मिल चुका है इससे स्पष्ट संदेह पैदा होता है कि निगम प्रशासन ने शिक्षको को आवंटित धन राशि का पैसा कमीशन लेकर ठेकेदारो को बाँट दिया है या किसी अन्य मद मे खर्च कर दिया है । अत : संघ माननीय उच्च न्यायालय एवं निगम प्रशासन से अनुरोध करता है कि शिक्षको के वेतन का पैसा अन्य मद मे डायवर्ट नहीं किया जाए ।
अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद मिश्रा ने बताया कि विगत अनेक वर्षों से निगम शिक्षकों को वेतन भत्ते पेंशन आदि न मिलने के कारण धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल आदि आंदोलनों के सहारे निगम प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाता रहा है । एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत 9000 शिक्षक निगम के बंटवारे के समय 2012 से वेतन इत्यादि समय पर ना मिलने से आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं