नई दिल्ली: स्कूल विजिट की श्रृंखला को जारी रखते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को डॉ.बी.आर.अंबेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, हाई-एंड 21st सेंचुरी स्किल्स, सूरजमल विहार का दौरा किया और स्टूडेंट्स के साथ उनकी पढ़ाई को लेकर चर्चा की।
इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, एएसओएसई में छात्रों में इतना आत्मविश्वास गर्व की बात है। यहाँ छात्रों को जो आत्मविश्वास और स्किल्स मिल रहा है, वो उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार कर रहा है। स्कूल में मिल रहा एक्सपोज़र न केवल बच्चों को बेहतर प्रोफेशनल बना रहा है बल्कि भविष्य के उस नागरिक के रूप में तैयार कर रहा है जो टेक्नोलॉजी से लैस होकर हर चुनौतियों के लिए तैयार रहेगा।
विजिट के दौरान शिक्षा मंत्री ने कंप्यूटर लैब, कोडिंग क्लास, रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन क्लास, फाइनेंस मैनेजमेंट क्लास का दौरा कर स्टूडेंट्स से बातचीत की और उनके अनुभवों को जाना।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने विजिट के दौरान पाया कि, स्टूडेंट्स हिन्दी-अंग्रेज़ी,जर्मन के साथ-साथ जावा, C++, पाईथन के ज़रिए कंप्यूटर कोडिंग की भाषा भी सीख रहे है। ये स्कूल भविष्य के उन प्रोफेशनल्स को तैयार कर रहा है जो अपनी कोडिंग के ज़रिए मुश्किल से मुश्किल समस्याओं को चुटकियों में हल कर देंगे।
उन्होंने कहा कि, स्कूल में रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के क्षेत्र में मिल रहे स्पेशलाइज्ड एजुकेशन से स्टूडेंट्स को भविष्य की मशीनें तैयार करने की स्किल्स मिल रही है।
इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री से साझा करते हुए स्टूडेंट्स ने कहा कि, इस स्कूल में हमें जो कुछ सिखाया जा रहा है उसके ज़रिए हम भविष्य के लिए तैयार हो रहे है। हमारे पिछले स्कूलों में ऐसा एक्सपोज़र कभी नहीं मिला।
स्टूडेंट्स ने कहा कि,स्कूल में छोटी उम्र से ही हमें फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट और इन्वेस्टमेंट के गुर सिखाए जा रहे है और रियल लाइफ एक्सपीरियंस मिल सके इसके लिए हमें इंटर्नशिप के भी मौक़े मिलते है। इसकी वजह से हमारी अपस्किलिंग तो हो ही रही है साथ ही हम अपनी क्षमताओं को भी पहचान पा रहे है।
एएसओएसई, हाई एंड 21st सेंचुरी स्किल्स स्कूल के अपने अनुभवों को साझा करते हुए स्टूडेंट्स ने कहा कि, इस स्कूल में रटने पर नहीं बल्कि कॉन्सेप्ट को समझने और बुनियाद मज़बूत करने पर फोकस किया जाता है। स्कूल में हमें केस स्टडी के ज़रिए सिखाया जाता है। साथ ही बुनियाद को मज़बूत बनाने का काम किया जाता है, इसका नतीजा है कि हमारे लिए कोडिंग के मुश्किल से मुश्किल कैलकुलेशन भी आसान बन जाते है। साथ ही यहाँ असेसमेंट का पैटर्न भी काफ़ी अलग है। पारंपरिक बोर्ड की तुलना में डीबीएसई में हमारे समझ और ऐनालिटिक्स क्षमता का असेसमेंट होता है। हमारे अलग अलग स्किल्स का असेसमेंट होता है।