IN8@फिरोजपुर झिरका …. श्रावण मास के हर सोमवार को पूजा कर धर्म लाभ कमाने का एक अलग ही भक्तों का नजरिया है । जिसको लेकर अरावली की वादियों में पहले सोमवार को लेकर शिव भक्तों का लगातार मंदिर परिसर की और आवागमन रहा। जिससे अरावली की वादियां पूरी तरह बोल बम – बोल बम के नारों से गुंजायमान हो गई। श्रावण मास के पहले सोमवार को लेकर हजारों की संख्या में दूर दराज इलाके से आए भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर मनोकामना मांगी। वही मंदिर समिति द्वारा कोविड-19 के नियमों की पालना को लेकर मास इत्यादि का प्रबंध फ्री कराया गया।
आपको बता दें कि अरावली की वादियों में स्थित पांडव राज युधिष्ठिर द्वारा निर्मित एक शिवलिंग की स्थापना पहाड़ों के बीच- बीच एक गुफा में की गई। जिसकी खोज तत्कालीन तहसीलदार जीवन लाल शर्मा ने की ।
फिरोजपुर झिरका अरावली की वादियों में यह पवित्र शिवलिंग पर विशाल शिव मंदिर स्थापित कर दिया गया। तभी से यह शिव मंदिर तपोभूमि के रूप में विख्यात हो गया और यहां हर साल श्रावण मास में शिवरात्रि पर्व के दिन मेले का आयोजन किया जाता है लेकिन भक्तों की आस्था इतनी अधिक हो गई कि श्रावण मास के लगभग चारों सोमवार को हजारों की संख्या में शिव भक्त मंदिर परिसर में आकर जलाभिषेक कर बोल बम बोल बम के उद्घोषक के साथ अपनी मनोकामना मांगते हैं । वहीं भक्त जनों की मनोकामना पूरी होने पर मंदिर परिसर में भंडारा , प्रसाद इत्यादि वितरण करते हैं।
जानकारी देते हुए शिव मंदिर अध्यक्ष अनिल गोयल ने बताया कि वैसे श्रवण का पूरा महीना भगवान शंकर को प्रिय है लेकिन श्रावण मास के पहले सोमवार वह प्रत्येक सोमवार का कुछ अलग ही महत्व होता है। मान्यता है कि श्रावण मास के प्रथम सोमवार को शिव भगवान की पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आसपास इलाके के हजारों की संख्या में शिव भक्त कबीर कावड़िए पवित्र गंगाजल लाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं परंतु कोरोना महामारी के चलते इस बार शिवभक्त कावड़ लाने वाले भक्तों को अनुमति नहीं मिली है जिसको लेकर मेले मैं भीड़ कम होगी