श्रद्धा व उल्लास से मनेगी भगवान विश्वकर्मा जयंती

  • फैक्ट्रियों, कारखानों, दुकानों व घरों में होगी भगवान की पूजा अर्चना

दीपक वर्मा@शामली। महान शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती गुरुवार को श्रद्धा, उल्लास एवं भक्ति भावना के साथ मनाई जाएगी। इस अवसर पर फैक्ट्रियों, कारखानों, घरों व दुकानों में भगवान विश्वकर्मा की आराधना की जाएगी, साथ ही मशीनों व औजारों की भी पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम सहित विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार महान शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती गुरुवार को श्रद्धा, उल्लास एवं भक्ति भावना के साथ मनाई जाएगी। इस अवसर पर शहर में अनेक स्थानों पर कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे। समाज के लोगों द्वारा भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाएगी। शहर के मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम पर भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सुबह साढे 8 बजे हवन, पूजन होगा इसके बाद समाज के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया जाएगा। दोपहर 12 बजे धीमानपुरा स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जाएगा, वहीं शाम 4 बजे महिलाओं द्वारा भगवान विश्वकर्मा के कीर्तन का भी आयोजन किया जाएगा। दूसरी ओर विश्वकर्मा जयंती पर जिले की फैक्ट्रियों, कारखानांे, दुकानों व घरों में भी भगवान की आराधना की जाएगी, वहीं औजारों की भी पूजा अर्चना की जाएगी। भगवान विश्वकर्मा की जयंती सभी धर्मों के लोग मनाते हैं। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही ब्रह्मा जी की सृष्टि के निर्माण में मदद की थी और पूरे संसार का नक्शा बनाया था। शास्त्रों के अनुसार विश्वकर्मा वास्तुदेव के पुत्र हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि पांडवों के लिए माया सभा भी विश्वकर्मा ने ही बनाई थी। ऋग वेद में कहा गया है कि स्थापत्य वेद जो मशीन और आर्किटेक्टर की साइंस है, उसे भी विश्वकर्मा ने बनाया है। एक तरह से इन्हें भगवान विश्वकर्मा को पूरी दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर कहा जाता है।