गाजियाबाद। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित कथाएं सुनाई गयीं। इस अवसर पर बच्चों के लिए अनेक गतिविधियां आयोजित की गई। मटकी डेकोरेशन, मोर पंख एवं बांसुरी निर्माण जैसी अनेक मनोरंजक एवं रचनात्मक गतिविधियों में विद्यार्थियों ने बढ़- चढ़ कर भाग लिया। इसी क्रम में विजय नगर स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल पी ब्लॉक प्रताप विहार में शनिवार को श्री कृष्ण जन्मोत्सव पूरे सप्ताह अत्यंत हर्षोल्लास से मनाया गया। श्री कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर स्कूल परिसर को शिक्षिकाओं द्वारा सजाया गया। जगह जगह दही -हांडी लगाई गयी। हमारे नौनिहाल राधा – कृष्ण तथा गोप – गोपी की वेशभूषा में तैयार होकर आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। स्कूल में रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मटकी फोड़ी गई और एक-दूसरे को माखन-मिश्री खिलाई गई। फैंसी ड्रेस, कृष्ण बांसुरी मेकिंग, कैंडल मेकिंग, दही हांडी डेकोरेशन, काउन मेकिंग प्रतियोगिताएं आदि हुईं। बाल-गोपाल राधा-श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा की पोशाक पहनकर विद्यार्थियों ने स्कूल पहुंचे।
बच्चों ने राधा-कृष्ण की झांकियां प्रस्तुत कर श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित नाटक पेश किया, अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो कि दर पर तुम्हारे गरीब आ गया है। गाने पर नृत्य करते हुए बच्चों ने सबका मन मोह लिया। श्री कृष्ण के गीतों पर नृत्य कर सारे वातावरण को कृष्णमयी बना दिया। प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने कृष्ण जन्मोत्सव के बारे में बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि श्रीकृष्ण ने कर्म करने का संदेश दिया है और कहा है कर्म करते रहिए। फल की इच्छा मत कीजिए। फल देने वाला ईश्वर है। भगवान श्रीकृष्ण से हमें सीखना चाहिए कि कभी भी किसी काम को टालना नहीं चाहिए निश्चित समय पर अपना काम पूरा कर लेना चाहिए अगर आप कोई ऐसा काम करते है तो हमेशा सफलता को प्राप्त करेंगें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने कर्म में संलग्न रहना चाहिए शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो हमारे व्यक्तित्व का रचनात्मक विकास करें। संगीत, नृत्य, युद्ध सहित 64 कलाओं कृष्ण के व्यक्तित्व का हिस्सा है। बच्चों में कोरा ज्ञान ना भरे। उनकी रचनात्मक को नए आयाम मिलें ऐसी शिक्षा व्यवस्था हो।
बच्चों और अध्यापकगण को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उपप्रधानाचार्या तनूजा ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बारे में बच्चों को बताते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की हर लीला एक सीख है। बाल्यकाल में गायें चराते चरवाहे के तौर पर प्रकृति प्रेम का संदेश दिया तो युवा काल में बालसखा सुदामा से मित्रता निभाकर नई मिसाल कायम की। एक युग बाद इन सीखों की अहमियत और बढ़ गई है। हमें भगवान का अनुसरण करना चाहिए नकल नहीं, नकल करेंगे तो हम समाज में अपमानित होंगे। कृष्ण ने प्रेम की भाषा का ज्ञान दिया तो धर्म की स्थापना के लिए महाभारत भी हुआ। उन्होंने असुरों का संहार किया तो भक्तों की हर इच्छा पूरी भी की। गीता में दिए गए भगवान कृष्ण के उपदेश का अनुपालन जीवन को सही राह दिखाते हैं।
भगवान कृष्ण के जीवन से ज्ञान लेकर इनको अपने जीवन में अनुसरण करेंगे तो आपका जीवन सरल और आनंदमय बना सकता है। भगवान श्रीकृष्ण से हमें सीखना चाहिए कि किस तरह से हर परिस्थिति का सामना करें मुश्किल से मुश्किल हर समस्या का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने कंस का संहार करके लोगों को उनके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपदी का लाज बचाई।
श्री कृष्ण की अंगुली कट गई थी और उसमें से निरंतर खून बह रहा था तब द्रौपदी ने तुरंत अपनी साडी का पल्लू फाङकर भगवान श्री कृष्ण की अंगुली पर पट्टी बांधी थी। तब श्री कृष्ण ने कहा था कि मै इस बात को हमेशा याद रखूंगा और भविष्य में इस साड़ी की कीमत जरूर चुकाऊंगा आज हमारे समाज में ऐसे कृष्ण की जरूरत है जैसे द्रोपदी की लाज बचाई वैसे ही हमारी बेटियों की लाज बचाए।