सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के साथ अवैध शराब के कारोबार पर कसें शिकंजा: संजय कुमार प्रथम


-शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कोई भी लापरवाही नहीं होगी माफ

गाजियाबाद। अवैध और कच्ची शराब के विरुद्ध आबकारी विभाग ने विशेष अभियान छेड़ा हुआ है। जिसके तहत जिले में व्यापक पैमाने पर छापेमारी एवं दबिश दी जा रही है। अवैध शराब के कारोबार का जड़ से खात्मा करने के लिए आबकारी विभाग की टीमें जिले में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत हाईवे, ढाबा, शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर दबिश दे रही है। अभियान में तेजी लाने के लिए जिला आबकारी अधिकारी जहां एक तरफ हर दिन आबकारी निरीक्षकों की क्लास ले रहे है तो वहीं अनुज्ञापियों को भी नियमों का पाठ पढ़ा कर उनके कार्यों में सुधार करने की हिदायत दे रहे है। सरकार के खजाने को भरने में जनपद आबकारी विभाग की टीम कोई कसर नहीं छोड़ रही है। शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के बीच में सरकार खजाने को भरने पर भी पूरा जोर दिया जा रहा है। आबकारी विभाग की टीम ने पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को तोड़कर 26 प्रतिशत इस वर्ष जुलाई माह में अधिक कमाई की है। वहीं जिला आबकारी अधिकारी बीच-बीच में आबकारी निरीक्षकों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते नजर आ रहे है। शनिवार को जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने आबकारी निरीक्षक हिम्मत सिंह, अखिलेश बिहारी वर्मा, मनोज शर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, डॉ. राकेश त्रिपाठी, अनुज वर्मा, अभय दीप सिंह के साथ जनपद के अनुज्ञापियों के साथ बैठक की।

बैठक में जहां आबकारी निरीक्षकों को  सरकार की और से मिले लक्ष्य को पूरा करने तथा इसमें रह रही खामियों को सुधार करने की नसीहत दी। वहीं इस वर्ष जुलाई में प्राप्त हुए राजस्व पर आबकारी निरीक्षकों की पीठ थप-थपाई। साथ ही निर्देश दिए कि राजस्व प्राप्ति के लिए उन सभी स्रोतों पर कार्य करें, जिनसे सरकार का खजाना भरा जा सकें। हर दिन कार्रवाई के साथ अपने लक्ष्य को निर्धारित कर कार्रवाई करें। पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए लक्ष्य का निर्धारित होना बेहद जरुरी है। यह नहीं कि लकीर के फकीर कर तरह काम किया जाए। जिले में को अवैध शराब के कारोबार से मुक्त करने के लिए दिन-रात कार्रवाई करें। हर दिन नई रणनीति के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया जाए। बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी की घटना को रोकने के लिए चेक पोस्ट, दिल्ली बॉर्डर पर तीन शिफ्टों में लगातार चेकिंग की जाए। गाजियाबाद दिल्ली की सीमा से सटा हुआ है। जो कि बेहद ही संवेदनशील क्षेत्र है। जिसके लिए निगरानी रखने के साथ मुखबिर तंत्र को भी पूरी तरह से सक्रिय रखें। शराब तस्करी में प्रयुक्त कोई भी वाहन गाजियाबाद की सीमा से होकर नही गुजरना चाहिए है। इसी बीच शुक्रवार रात को लखनऊ में आबकारी विभाग द्वारा पकड़ी गई गाड़ी पर आबकारी निरीक्षकों की क्लास भी लगाई।

शराब माफिया की नीति से निपटने के लिए उसकी सोच से दस कदम आगे बढ़कर सोचना होगा, तभी बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी की घटना को रोका जा सकता है। बड़ी कार्रवाई में आपसी समन्वय स्थापित कर खुद की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई करें। वहीं जिला आबकारी अधिकारी दिन-रात हो रही कार्रवाई की रिपोर्ट की भी जांच कर रहे है। जिससे कार्रवाई का दायरा और बढाया जा सकें। बैठक में मौजूद अनुज्ञापियों को भी कार्य में सुधार करने की हिदायत दी गई। जिससे अनुज्ञापी भी खुद दुकानों पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी रख सकें। बैठक में उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि यहां से दूसरे जिलों को मदिरा का परेषण भेजते समय बॉन्ड लाइसेंसी अनुज्ञापन के शर्तो का नियमानुसार ही किया जाए। पास पर अंकित परिवहन रूट वाहनों का संचालन करें। उन्होंने कहा कि यह वाहन निर्धारित रूट से गंतव्य तक जाए। निर्धारित रूट से अलग डायवर्जन करते पकड़े जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अनुज्ञापियों को नियमानुसार काम करने की सख्त हिदायत दी गई। आबकारी अधिकारी ने बैठक में अपनी मंशा को साफ कर दिया कि नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई करने से परहेज नहीं किया जाएगा। कोई भी विक्रेता बिना पॉश मशीन स्कैन के शराब की बिक्री न करें।

जिला आबकारी अधिकारी ने कहा किसी भी क्षेत्र में अवैध रुप से शराब तस्करी की शिकायत मिलती है, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए। शराब की दुकान के पास मौजूद छोटी-छोटी दुकानों पर भी पूरी तरह से नजर रखें। जिले में अवैध शराब का कारोबार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध शराब के कारोबार में जेल भेजे गए तस्कर जो छूटकर आ गये हैं, उन पर कड़ी निगरानी रखी जाए। अवैध शराब पर रोक लगाने के साथ-साथ ओवर रेटिंग की शिकायत भी नहीं मिलनी चाहिए। अगर किसी भी क्षेत्र में ओवर रेटिंग की शिकायत मिलती है तो तत्काल कार्रवाई करें, नही तो खुद कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
अवैध शराब के कारोबार में लिप्त तस्करों पर कार्रवाई में कोई भी ढिलाई न बरतें। छोटे-बडे शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ उनके ठिकानों और गुर्गों पर भी शिकंजा कसा जाए।