IN8@ कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन को दो महीने से ज्यादा हो गए हैं। अब सरकार ने चरणबद्ध तरीके से छूट देने का फैसला कर लिया है। 8 जून से धार्मिक स्थल, होटल, रेस्तरां आदि खोलने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा धीरे-धीरे थिएटर, जिम, स्वीमिंग पूल और ट्रांसपोर्ट को भी शुरू किया जाएगा। हालांकि गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि लोगों को इस संक्रमण को रोकने और अपनी सुरक्षा के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होगा। आइए जानते हैं कि वे 10 नियम कौन से हैं जिनका पालन करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी होगा…
पहला फेज: 8 जून के बाद ये जगहें खुल सकेंगी
- धार्मिक स्थल/इबादत की जगहें।
- होटल, रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी से जुड़ी सर्विसेस।
- शॉपिंग मॉल्स
शर्तें: स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा ताकि इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे और यहां कोरोना न फैले।
दूसरा फेज: स्कूल-कॉलेजों पर जुलाई में फैसला
- स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टिट्यूट राज्य सरकारों से सलाह लेने के बाद ही खुल सकेंगे।
- राज्य सरकारें बच्चों के माता-पिता और संस्थानों से जुड़े लोगों के साथ बातचीत कर इस पर फैसला कर सकती हैं।
- फीडबैक मिलने के बाद इन संस्थानों को खोलने पर जुलाई में फैसला लिया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा।
जिस बारे में अब भी कोई फैसला नहीं किया गया है
तीसरा फेज: इन सर्विसेस को शुरू करने का फैसला बाद में होगा
- इंटरनेशनल फ्लाइट्स।
- मेट्रो रेल।
- सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी बाकी जगहें।
- सोशल, पॉलिटिकल, स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट, एकेडमिक, कल्चरल फंक्शंस, धार्मिक समारोह और बाकी बड़े जमावड़े।
कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन
- कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 30 जून, 2020 तक लागू रहेगा।
- स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी लेने के बाद जिला अधिकारियों द्वारा कंटेनमेंट जोन तय किया जाएगा।
- कंटेनमेंट जोन में सिर्फ बेहद जरूरी गतिविधियों की इजाजत दी जाएगी।
- मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेस और जरूरी सामान और सेवाओं की सप्लाई को छोड़कर इन कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक रहेगी।
- कंटेनमेंट जोन में गहराई से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होगी। घर-घर जाकर निगरानी की जाएगी। अन्य जरूरी मेडिकल कदम उठाए जाएंगे।