नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत दे दी है। फारुकी ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस ने मुनव्वर की गिरफ्तारी के दौरान 2014 के अर्नेश कुमार बनाम बिहार मामले में दिए गए शीर्ष अदालत के फैसले को पलट दिया। पीठ ने मध्य प्रदेश सरकार को इस मामले में नोटिस भी जारी किया है क्योंकि फारुकी के वकील ने तर्क दिया है कि उन पर लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं।
पीठ ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के दौरान सीआरपीसी की धारा 41 के तहत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से रोकने के लिए सुरक्षा भी दी। बता दें कि उप्र पुलिस ने फारुकी के खिलाफ अलग मामला दर्ज किया है।
हाई कोर्ट ने मामले में जब्त की गई सामग्री और गवाहों के बयान के बाद कहा था, यह देश के प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह धार्मिक, भाषाई, क्षेत्रीय या अनुभागीय विविधताओं के बावजूद भारत के सभी लोगों के बीच सामंजस्य और सामान्य भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने और समृद्ध विरासत को संरक्षित करने का काम करे।
बता दें कि गुजरात के निवासी मुनव्वर फारुकी और 4 अन्य को 2 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो के दौरान हिंदू देवताओं को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान एडविन एंथोनी, नलिन यादव, प्रखर व्यास और प्रियम व्यास के रूप में की गई है।
फारुकी के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि वह कॉमेडी शो के आयोजकों के निमंत्रण पर आए थे और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा था।