बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को लेकर हाई कोर्ट में कहा है कि वह ‘आदतन अपराधी’ हैं। बीएमसी ने उच्च न्यायालय में दाखिल एफिडेविट में कहा है कि सोनू सूद ने जुहू स्थित रिहायशी इमारत में लगातार अनधिकृत निर्माण कराया है, जबकि दो बार वहां अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई भी की जा चुकी है। बीएमसी ने मंगलवार को हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि सोनू सूद ने रिहायशी बिल्डिंग को होटल में तब्दील करने का प्रयास किया है और अब इस गलती को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल बीएमसी की ओर से सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ एक्टर हाई कोर्ट चले गए थे, जहां अब बीएमसी ने उनके नोटिस को लेकर हलफनामा दाखिल किया है। कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई करने का फैसला लिया है।
बीएमसी ने अपने नोटिस में कहा था कि सोनू सूद ने 6 मंजिला रिहायशी इमारत ‘शक्ति सागर’ के ढांचे में बदलाव किया है और उसे एक कॉमर्शियल होटल में तब्दील करने का काम किया है। बीएमसी के नोटिस के खिलाफ सोनू सूद ने बीते साल अक्टूबर में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बीएमसी ने हाई कोर्ट में कहा, ‘अपील करने वाले शख्स आदतन अपराधी हैं और अनधिकृत निर्माण का वित्तीय लाभ लेना चाहते हैं। अब उन्होंने एक बार फिर से निर्माण करना शुरू कर दिया है, जबकि इसके लिए उन्होंने लाइसेंस डिपार्टमेंट से कोई परमिशन नहीं ली है।’
बीएमसी ने कहा कि सोनू सूद उस अवैध कॉमर्शियल होटल के निर्माण का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे बिल्डिंग प्लान के खिलाफ जाकर तैयार किया गया है। एफिडेविट में कहा गया है, ‘अपील करने वाले शख्स को प्रॉपर्टी का यूज चेंज करने की अनुमति नहीं मिली थी। उन्होंने रेजिडेंशियल बिल्डिंग को कॉमर्शियल यूज में लेने के लिए लाइसेंस नहीं लिया था।’
बीएमसी ने कहा कि पूरी बिल्डिंग को ही सोनू सूद ने एक होटल में तब्दील कर दिया है और यह बिना लाइसेंस के ही चल रहा है। बीएसमी ने कहा कि बिल्डिंग में अवैध निर्माण के खिलाफ सबसे पहले सितंबर 2018 में ऐक्शन लिया गया था। इसके बाद भी सोनू सूद ने निर्माण जारी रखा था। इसके बाद नवंबर 2018 में उनके अवैध निर्माण को अथॉरिटी की ओर से ध्वस्त भी किया गया था।