स्कूलों व दुकानदारों के कमीशन के खेल से परेशान अभिभावकों की उड़ी नींद, स्कूल कर रहे मनमानी

सुरेंद्र सिंह भाटी@बुलंदशहर आज इस महंगाई के दौर मैं अभिभावकों को अपना बच्चा ठीक से पढ़ाने में पैरों तले जमीन खिसक रही है जहां सरकारों द्वारा समय-समय पर नए नियम बनाए जाते हैं उन सब का हिसाब बच्चों के अभिभावकों को ही करना पड़ता है।

कॉपी किताब बेग ड्रेस से लेकर पढ़ाई की हर चीज में निजी स्कूल संचालकों का कमीशन

स्कूल संचालक सरकार द्वारा बनाये गए नियमों को लागू करने पर हो रहे खर्च का बोझ भी
विद्यार्थियों पर डालते जा रहे हैं एक तरफ जहां नामचीन स्कूलों द्वारा मनमाफिक फीस बसूली जा रही हैं वही स्कूल संचालक व दुकानदारों के मध्य तक कमीशन भी अभिभावकों की कमर तोड़ता हुआ नजर आ रहा है प्रत्येक स्कूल अपनी मनपसंद दुकान को चिन्हित कर वही से किताब कॉपी और स्कूल ड्रेस के लिए अभिभावक को भेजता है।

शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखने वाले बच्चों पर इतना पैसा खर्च हो जाता है कि घर के सब खर्चे एक तरफ व पढ़ाई का खर्चा एक तरफ यह स्थिति किसी भी सरकार व अधिकारियों की समझ से परे नहीं है लेकिन सब खामोश है जहाँ सरकार द्वारा शिक्षा को हर जगह पहुंचाने के लिए तरह तरह के कानून बन रहे हैं वहीं प्रारम्भिक शिक्षा भी पहुच से बाहर जाती दिखाई दे रही है। इस दौरान स्कूलों के चल रहे नए सत्र में बच्चों के प्रवेश के लिए कॉपी, किताब, ड्रेस बैग, फीस के बिल को देखकर अभिभावकों के होश उड़ते नजर आ रहे हैं निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि से ही अभिभावक परेशान है। उसके ऊपर एक स्कूल द्वारा मनमाफिक कमीशन खोरी।

बुलंदशहर नगर स्थित एक नामचीन स्कूल ने तो सारी हदें ही पार कर दी पहले उस स्कूल की एक चिन्हित कोई और दुकान पिछले के सालों से चली आ रही थी लेकिन दुकान अचानक से चेंज हो गई मतलब कमीशन में कहीं मिस्टेक आई होगी तो अब की बार दुकान दूसरे एक नामचीन स्कूल की ही दुकान को कमीशन के लिए चिन्हित कर दिया गया और अभिभावकों को चेतावनी के साथ बाकायदा विजिटिंग कार्ड दिया गया है कि 1 दिन में एक ही दुकान से एक टाइम पर ही एक दिन में सारे अभिभावक कॉपी किताब ड्रेस दिए हुए टाइम पर ही खरीदें और विजिटिंग कार्ड पर साफ शब्दों में लिखा गया है। (नो एक्सचेंज नो रिटर्न) मतलब गलती से कॉपी किताब या ड्रेस में कोई मिस्टेक दुकान की तरफ से भी मिलती है तो भी स्कूल के अनुसार वह दुकान वाला ना वापस करेगा ना कॉपी किताब या ड्रेस को चेंज करेगा।

और सबसे बड़ी बात नामचीन स्कूल की कि कमीशन के चक्कर में पूरे स्कूल की ड्रेस ही चेंज कर दी वही उसी स्कूल के अभिभावक परेशान हैं। अभिभावकों का कहना है कि अभी कुछ दिन पूर्व ही दो से तीन तीन ड्रेस बच्चों की उसी स्कूल द्वारा खरीदवाई गई थी अब अचानक से फिर से ड्रेस चेंज करने का फरमान जारी हो गया। मतलब एक और नया अभिभावकों पर बोझ डाल दिया गया। क्योंकि स्कूल का अच्छा खासा ड्रेस चेंज करने पर कमीशन जो बनेगा। अब देखना होगा कि ऐसे स्कूलों पर सरकार या बुलंदशहर जिला अधिकारी द्वारा या शिक्षा विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई होती है यह सब गोलमोल ही चलेगा। जिसका खामियाजा बच्चों के अभिभावकों को इस तरह से ही भुगतना पड़ेगा।