स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीडि़त बच्चे को लगेगा 16 करोड़ का टीका

IN8@गुरुग्राम…. पिरामिड अर्बन सेक्टर-70ए गुड़गांव में रहने वाले साढ़े 11 महीने के अयांश मदान स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक एक बीमारी से जूझ रहे है। करीब पांच महीने पहले जब बच्चा उम्मीद से कम मूवमेंट नहीं कर रहा था तो उन्होंने डाक्टरों को दिखाया। अंत में उन्होंने एम्स दिल्ली में डाक्टरों से संपर्क किया और जांच करवाई तो पाया कि अयांश स्पाइनल मस्कुल एट्रोफी नामक बीमारी से पीडि़त है। जिसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपए की जरूरत है। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले अयांश के माता-पिता ने क्राउड फंडिंग कर अब यह पैसे जुटाने शुरू किए हैं। हालांकि अभी तक मात्र 45 लाख रुपए ही जुटा पाए हैं।

अयांश की मां वंदना बताती हैं कि अयांश सात महीने का हुआ तो उसके शरीर के मूवमेंट्स उम्मीद के मुताबिक नहीं थी। एम्स दिल्ली में निदान के बाद यह पता चला की अयांश एसएमए नामक एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी के साथ पैदा हुआ है। एसएमए टाइप वन नाम की रेयर जेनेटिक बीमारी है। वंदना ने बताया कि वे मूल रूप से पलवल के रहने वाले हैं। एसएमए एक न्यूरो मस्क्यूलर डिसऑर्डर है, जिससे धीरे-धीरे शरीर कमजोर पड़ने लगता है। ब्रेन की नर्व सेल्स और स्पाइनल कॉर्ड डैमेज होने लगते हैं। इसके अलावा बॉडी के कई हिस्सों में मूवमेंट नहीं हो पाती। वहीं अयांश के पिता प्रवीण मदान ने कहा कि बहुत मन्नत और 12 वर्ष के लंबे इंतज़ार के बाद अयांश पैदा हुआ। लेकिन दुर्भाग्य अयांश को इस बीमारी से जूझना पड़ रहा है।