हाथों में मशाल जुलुस लिए सड़को पर उतरे विद्युतकर्मी

-विद्युत निगम के निजीकरण का विरोध

विनोद पांडेय @ गाजियाबाद। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के विघटन और निजीकरण के सरकार के प्रस्ताव का विरोध तेज हो गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने सोमवार को शहीद भगत सिंह की जयंती पर शाम को मशाल जुलूस निकाला गया।

मशाल जुलूस शाम 5 बजे मुख्य अभियंता (वितरण) कार्यालय आरडीसी-राजनगर से शुरू हुआ। बाद में कलेक्ट्रेट होकर कविनगर सी ब्लॉक मार्केट के रास्ते से रामलीला मैदान कविनगर पर पहुंच कर समाप्त किया गया। विद्युत कर्मचारी संघर्ष संघर्ष समिति गाजियाबाद के संयोजक अवधेश कुमार और सह-संयोजक अनिल चौरसिया ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का विघटन व निजीकरण कतई नहीं होने दिया जाएगा।

सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले पर पुन: विचार करना चाहिए। निजीकरण से विभाग की हालत खराब हो जाएगी। संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार ने बताया कि नौकरशाही के दबाव में किया गया बिजली बोर्ड का विघटन और निगमीकरण पूरी तरह विफल रहा है। वर्ष 2000 में बिजली बोर्ड के विघटन के समय मात्र 77 करोड़ रुपये का सालाना घाटा था, जो अब 95000 करोड़ रूपये से अधिक हो गया है। इसके बावजूद निगमीकरण पर पुनर्विचार करने के बजाए प्रबंधन निजीकरण का प्रस्ताव देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩा चाहता है जिससे बिजली कर्मियों में भारी रोष है।

उन्होने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किसी भी प्रकार से प्रदेश व आम जनता के हित में नहीं है। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती है जबकि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम बिना भेदभाव के किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति कर रहा है। निजी कंपनी लागत से कम मूल्य पर किसी उपभोक्ता को बिजली नहीं देगी। अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को पॉवर कार्पोरेशन घाटा उठाकर बिजली देता है जिसके चलते इन उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है।

अब निजीकरण के बाद स्वाभाविक तौर पर इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी होगी। महामंत्री अशीष कुमार ने कि आज यानि मंगलवार को विद्युत मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश एवं विद्युत संविदा मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश के बैनर तले भी विद्युत निजीकरण का विरोध किया जाएगा। इस मौके पर अनिल चौरसिया, हिर्देश गोस्वामी, आलोक त्रिपाठी, उमाकांत शर्मा, भुवनेश, के.के. सोलंकी, रामनारायण, योगेंद्र लाखा, दिलनवाज, पंकज भारद्वाज, धीरज सिंह, जय भगवान, राज सिंह, सुनील कुमार, शेर सिंह त्यागी, दिलीप सक्सेना समेत सैकडो लोग उपस्थित रहे।