लखनऊ। होली पर्व नजदीक है, लेकिन पर्व से बाहरी राज्यों की शराब के साथ कच्ची शराब के कारोबार पर अंकुश लगाना चुनौती पूर्ण है। भले ही माफिया पर्व से पहले कच्ची व अवैध शराब को छिपाने की तैयारी कर रहे हो, लेकिन अभी तक ऐसा कोई ठिकाना नहीं जहां आबकारी विभाग न पहुंचा हो। कच्ची शराब के कारोबार में पुरुषों के साथ महिलाओं की भी भूमिका रहती है क्योकि कई बार महिलाएं भी पकड़ी जा चुकी हैं। होली पर्व को लेकर जनपद में शराब माफिया का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए जिला आबकारी विभाग हर संभव कोशिश कर रहा है। शराब माफिया की कुंडली खंगालने के अलावा संभावित ठिकानों की पुख्ता जानकारी एकत्र की जा रही है। इसके बाद रणनीति के तहत छापामार कार्रवाई हो रही है। आबकारी विभाग के मंसूबों को देखकर शराब माफिया को निरंतर अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें जिले में पांव जमाने का मौका नहीं मिल पा रहा है। लखनऊ में पिछले कुछ समय से शराब माफिया और उनके गुर्गों की नींद उड़ी पड़ती है। इसका कारण साफ है कि विभाग ने अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और परिवहन की चेन तोड़ने के लिए प्रभावी कार्य योजना अपना रखी है। इसके तहत शराब माफिया और उनके गुर्गों को संभलने का मौका नहीं दिया जा रहा है।
कच्ची शराब की बिक्री कर तस्कर चांदी काटने के साथ-साथ त्योहार पर रंग में भंग न डाले इसके चलते आबकारी विभाग ने अपनी कार्ययोजना तैयार कर ली है। अवैध शराब के खिलाफ जिला आबकारी अधिकारी के नेतृत्व में तैयार की गई 15 इंस्पेक्टर के अलावा सिपाही, हेड कांस्टेबल की 59 की टीमें ने मोर्चा संभाला हुआ है। जो दिन रात एक ही उद्देश्य शराब माफिया का सफाया के साथ फील्ड में उतर काम कर रही है। आबकारी विभाग की कार्रवाई में प्रवर्तन की टीम के साथ पुलिस, जीएसटी, प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें भी जुट गई है। दिन-रात चौकसी और व्यवस्था को दुरुस्त रखने के मकसद से गुरुवार को जिला आबकारी अधिकारी ने मातहतों के साथ मंत्रणा की। मकसद जनपद में शराब तस्करों के खिलाफ मुहिम को धार देना है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अपने कार्यालय में आबकारी निरीक्षक इंस्पेक्टर भूपेन्द्र सिंह, विजय शुक्ला, विवेक सिंह, रजनीश प्रताप सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, कृति प्रकाश पाण्डेय, अभिषेक सिंह, विजय राठी, सुभाष चन्द्र, अरविंद बघेल, कौशलेन्द्र रावत, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, रिचा सिंह और सुनीता ओझा की टीम के साथ बैठक करते हुए कहा जनपद में ओवर रेटिंग की शिकायत भी नहीं मिलनी चाहिए।
ऐसा होने पर संबंधित निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जनपद में अवैध शराब के निर्माण, परिवहन एवं बिक्री की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि शराब तस्करों के खिलाफ पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की जाए। किसी भी तस्कर को बख्शने की जरूरत नहीं है। इसके अतिरिक्त शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायत न मिले। यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित आबकारी निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि छोटे-बडे शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ उनके ठिकानों और गुर्गों पर भी शिकंजा कसा जाए। साथ ही देहात क्षेत्र में होने वाले कच्ची शराब के कारोबार को ध्वस्त करने के लिए अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई की जाए। दुकानों में मौजूद शराब की बोतलों की बार कोड की जांच होगी इसके लिए निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं। कहीं पर भी किसी तरह कर अवैध शराब की बिक्री नहीं होने दी जाएगी। निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक दुकान के रेंडम आधार पर स्टॉक की जांच की जाएगी। जहां पर भी जारी स्टॉक और बिक्री में अंतर मिले तत्काल जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करें।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि होली पर्व एवं लोकसभा चुनाव को लेकर आबकारी निरीक्षकों को मुख्य मार्गों पर चेकिंग अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए है। शराब तस्करी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों और मार्गों पर पैनी नजर रखी जाएगी ताकि तस्करों पर शिकंजा कसा जा सके। सभी आबकारी निरीक्षक टीम वर्क के साथ फील्ड में उतर चुके हैं। होली पर्व पर सतर्कता बरती जा रही है। निश्चित रूप से इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। साथ ही अनुज्ञापियों को भी नियमानुसार शराब बिक्री करने के निर्देश दिए गये है। समय अनुसार दुकान खोलने और बंद करने के साथ-साथ ओवररेंटिग न करने की सख्त हिदायत दी गई है। अनुज्ञापी द्वारा कोई भी अनियमितता बरती जाती है तो अनुज्ञापी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
राष्ट्रीय मार्ग के साथ राजमार्ग पर बढ़ी चौकसी
अवैध शराब तस्करी की दृष्टि से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, सीतापुर मार्ग, सुल्तानपुर मार्ग, प्रयागराज मार्ग, कानपुर मार्ग, हरदोई मार्ग, अयोध्या मार्ग पर दिन रात आबकारी विभाग की टीमें अभियान चलाकर चेकिंग वाहनों की चेकिंग कर रही है। आबकारी विभाग के 15 इंस्पेक्टर, सिपाही, हेड कांस्टेबल समेत 74 की टीमों ने शराब तस्करों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। सभी मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी है। क्योंकि बाहरी राज्यों से शराब तस्करी के लिए अगर माफिया को लखनऊ से आगे कहीं जाना है तो पहले लखनऊ की सीमा में होकर गुजरना पड़ेगा। भले ही वह दिल्ली, हरियाणा, पंजाब की शराब लेकर उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर लें, मगर लखनऊ पहुंचने पर उसके आगे बढ़ना खतरे से खाली नहीं है। जिला आबकारी अधिकारी की नीति किसी चाणक्य से कम नहीं है। शराब तस्करों की सोच से दस कदम आगे बढ़कर हर बार शराब माफिया को चोट पहुंचाई है।