IN8@नूंह,मेवात….बीते दिनों जिला प्रशासन द्वारा बंद कराई गई शहर की पुरानी सब्जीमंडी को नूंह के ललिता पटवर्धन की अदालत ने यथास्थिति यानि जो दुकानदार जहां है ,वहीं पर रहने के आदेश दिए है। अदालत ने नूंह मार्केट कमेटी व नगरपालिका को आगामी 28 सितंबर को इस मामले में तलब किया है। 15 सिंतबर को अदालत ने पुरानी सब्जीमंडी के दुकानदारों को इस मामले राहत दी है। अदालत के इस फैसले पर दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। अदालत के आदेश के बावजूद दुकानदारों को मार्केट कमेटी व नगरपालिका द्वारा कोई राहत नहीं दी गई है। इसी मामले को लेकर शनिवार को सब्जीमंडी के दर्जनों सब्जी विक्रेता व थोक के दुकानदारों ने एकत्रित होकर प्रशासन से मांग की उनको इस मामले में राहत दी जाए।
इस मौके पर मुख्य रूप से बालकिशन, हीरालाल, ताहिर, आमीन, हब्बू, सब्बीर व हाजी आमीन सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि प्रशासन के तुगलकी फरमानों के आगे आज वह पूरी तरह से बेबस व लाचार है। आज वह सडक़ पर भीख मांगने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी शहर के अन्दर नूंह सब्जीमंडी की तरह ही चल रही है। प्रशासन ने बिना सूचना के मौके पर ही उन्हें नोटिस थमाकर उनके साथ सबसे बड़ा अन्याय किया है। जिससे वह किसी कीमत पर बर्दाशत नहीं करेंगे। उन्होंने बताया अपने अधिकारों का हनन होने पर ही उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है कि उनको न्याय दिया जाएगा। इस दौरान शहर की दिव्या, रेणुका व कमला आदि महिलाओं ने बताया कि उन्हें शहर से बाहर लगभग 3 किलोमीटर दूर सब्जी लाने में बहुत कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें कई बार डर लगता है कि कहीं उनके साथ कोई गलत हादसा ना हो जाए । इसलिए जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि उनकी सब्जी की दुकानों को शहर के अंदर ही खोला जाए ताकि उन्हें बिना किसी भय के शहर में ही सब्जी खरीदने को मिल सके।
वहीं पीडि़त दुकानदारों की और से इस मामले को कोर्ट में चुनौती दे रहे एडवोकेट ताहिर रूपाडिय़ा ने बताया कि अदालत ने पुरानी सब्जीमंडी में यथास्थिति के आदेश दिए है। इस मामले में अब आगामी 28 सितंबर को सुनवाई की जानी है।