नई दिल्ली: 1983 में टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। खबरों के मुताबिक मंगलवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ। यशपाल शर्मा ने भारत की ओर से कुल 37 टेस्ट और 42 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले हैं। यशपाल के खाते में कुल 1606 टेस्ट और 883 टेस्ट रन दर्ज हैं, जबकि एक-एक टेस्ट और वनडे विकेट भी उनके नाम पर हैं। यशपाल शर्मा ने लॉर्ड्स के मैदान पर 2 अगस्त 1979 को अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था।
यशपाल शर्मा ने 1972 में पंजाब स्कूल्स की तरफ से जम्मू-कश्मीर स्कूल्स के खिलाफ 260 रनों की पारी खेली थी, जिसके बाद वह पहली बार नजर में आए थे। इसके दो साल के अंदर उन्होंने स्टेट टीम में जगह बना ली। 1979 वर्ल्ड कप के लिए वह टीम इंडिया का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। 1983 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाते हुए पहले मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रनों की पारी खेली थी। वह उस मैच में मैन ऑफ द मैच चुने गए थे। यशपाल शर्मा का जन्म 11 अगस्त 1954 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। 66 साल की उम्र में उनका निधन हुआ।
उन्हें अपने जुझारूपन के लिए जाना जाता है। वर्ल्ड कप 1983 में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी अर्धशतकीय पारी क्रिकेट फैन्स को हमेशा याद रहेगी।वह 2000 के दशक के शुरुआती सालों में नेशनल सिलेक्टर भी रहे थे। वेंगसरकर ने कहा, ‘यह अविश्वसनीय है। वह हम सभी में सबसे अधिक फिट था। हम जब उस दिन मिले थे, तो मैंने उससे उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा था। वह शाकाहारी था। रात को खाने में सूप लेता था और सुबह की सैर पर जरूर जाता था। मैं सकते में हूं।’
यशपाल शर्मा ने रणजी ट्राफी में तीन टीमों पंजाब, हरियाणा और रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 160 फर्स्ट क्लास मैचों में 8,933 रन बनाए, जिसमें 21 शतक शामिल हैं। उनका बेस्ट स्कोर नॉटआउट 201 रन रहा। वह अंपायर भी थे और दो महिला वनडे मैचों में उन्होंने अंपायरिंग भी की। वह उत्तर प्रदेश रणजी टीम के कोच भी रहे थे।