नूह हिंसा के जिम्मेदार लोग काफी समय से वीडियो वायरल कर रहे थे। इसमें भड़काऊ बातें कर रहे थे। वीडियो में पुलिस के हाथ-पांव तोड़ने से लेकर बृजमंडल यात्रा को लेकर बातें कही जा रही थी।
लेकिन पुलिस वायरल हो रहे वीडियो के दुष्परिणाम को भांप नहीं सकी। इसका नतीजा यह हुआ कि 31 जुलाई को नूंह दोपहर से रात तक जलता रहा। फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, पानीपत आदि शहरों में भी छिटपुट घटनाओं के साथ लोग डर के साए में रहे। अब बीते पांच-छह दिनों से पुलिस शांति और सौहार्द्र कायम रखने की कोशिश में जुटी है। हालांकि अब हिंसा के बाद अब नूंह जिले में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव घाटमीका निवासी जुनैद और नासीर की फरवरी में हत्या कर दी गई थी। दोनों के शव भिवानी में एक कार में मिली थी।
लोगों ने हत्या का आरोप मोनू मानेसर पर लगाया। राजस्थान की पुलिस मोनू मानेसर की तलाश भी कर रही है। इसको लेकर हरियाणा के नूंह, राजस्थान के अलवर, भरतपुर आदि क्षेत्रेां में फरवरी में कई विरोध प्रदर्शन हुए थे। नूंह स्थित अंबेडकर चौक आदि स्थानों पर फरवरी में इसको लेकर तोड़फोड़-आगजनी भी हुई। इस हत्याकांड के बाद से ही मोनू मानेसर व उसके समर्थकों के खिलाफ लोगों में रोष था। सूत्रों की मानें तो जुनैद-नासिर की हत्या के बाद नूंह, भरतपुर, अलवर, पलवल के काफी लोग सोशल मीडिया पर एकजुट हो रहे थे। उनमें सोशल मीडिया पर काफी संवाद हो रहा था। घाटमीका से दिया भड़काऊ बयान 24 जुलाई को फरीदाबाद के एनआईटी साइबर थाना पुलिस कस्टडी में राजस्थान के अलवर निवासी एक युवक की मौत हो गई। इस मामले में एनआईटी थाना के प्रभारी व उनके सहयोगी पर हत्या का मामला दर्ज किया गया। इस बाबत 25 जुलाई को राजस्थान के भरतपुर स्थित घाटमीका गांव से एक वीडियो वायरल हुई। उसमें पुलिस को पीटने व हाथ-पांव तोड़ने की बातें कही जा रही थी। वीडियो में एक युवक व कई लोग दिख रहे हैं। युवक अपने भाषण से भड़काऊ बयान देता नजर आ रहा है।