9 माह में शौकीन गटक गए 1200 करोड़ से अधिक की शराब, गाजियाबाद में अवैध शराब पर सख्ती का असर से बढ़ा राजस्व का खजाना

गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद के रईसजादे भले ही मौज मस्ती के लिए दिल्ली व नोएडा के पब जाते हो। इसके बावजूद शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के शौकीन आबकारी विभाग को मालामाल कर सरकार का राजस्व बढ़ाने में अपना पूरा योगदान दे रहे है। अप्रैल से दिसंबर के आंकड़े पर अगर नजर डाले तो गाजियाबाद के शौकीन 1243 करोड़ की शराब गटक गए। शराब के शौकीनों की पहली पसंद देशी तो बियर के भी जिले में कम शौकीन नहीं है। शराब की बिक्री ने यह साफ कर दिया की जिले में विदेशी की अपेक्षा देशी शराब के अधिक शौकीन है। वहीं इसके शुरुआती शौकीन की श्रेणी में गिने जाने वाले युवा बियर पीने में पीछे नहीं है। इन शौकीनों ने आबकारी विभाग को मालामाल करने के साथ सरकार के राजस्व बढ़ाने में अहम भूमिका अदा कर रहे है। आबकारी विभाग के आंकड़े की माने तो दुसरे प्रांत व मिलावटी शराब की चलन समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। पंकज उदास की मशहूर गजल हुई महंगी बहुत ही शराब कि थोड़ी-थोड़ी पिया करो को गाजियाबाद के लोगों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। गाजियाबाद के शौकीन आबकारी विभाग के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। दरअसल, साल 2023 के अंतिम दिन में शराब की दुकानों पर मयकशों की भीड़ ने देशी-विदेशी मदिरा, बीयर शॉप पर ऐसा जलवा बिखेरा कि पुराने कई रिकॉर्ड टूट गए।

साल 2023 के अंतिम दिन करीब 8 करोड़ की बिक्री हुई। इसके साथ ही आबकारी विभाग शराब माफिया कार्रवाई में कसर नहीं छोड़ रहा है। आबकारी विभाग ने जहां 9 माह में एक तरफ करोड़ों का राजस्व वसूला है तो वहीं अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 150 से अधिक लोगों को सलाखों के पीछे भी भेजा है। आबकारी विभाग ने पिछले वर्ष के 9 माह का रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड तैयार किया है। वर्ष 2023-24 में राजस्व वसूली का टारगेट बढ़ने से आबकारी विभाग की मुसीबत बढ़ गई है। मगर राजस्व वसूली के टारगेट को पूरा करने में आबकारी विभाग पिछले वर्ष से अधिक राजस्व प्राप्त किया है। आबकारी विभाग की कार्रवाई के चलते गाजियाबाद में नकली और अवैध शराब के सेवन की जिले में एक भी अप्रिय घटना नहीं घटी। जिला प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कोआर्डिनेशन के साथ नकली व अवैध शराब के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई और इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे भेजा। आबकारी विभाग ने वर्ष 2022-23 के माह अप्रैल से दिसंबर की अपेक्षा इस वर्ष 181 करोड़ रुपए अधिक राजस्व वसूली की है। वर्ष 2022-23 मार्च से दिसंबर माह में 1062.42 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया था। वर्ष 2023-24 मार्च से दिसंबर माह में 1243.48 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है।

186 करोड़ का अधिक राजस्व हुआ हासिल
यूपी सरकार ने इस वर्ष गाजियाबाद से करीब 2200 करोड़ रुपए का आबकारी राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें आबकारी विभाग ने वर्ष 2023-24 अप्रैल से दिसंबर माह तक 1243.48 करोड़ रुपए राजस्व हासिल किया है। वर्ष 2022-23 में अप्रैल से दिसंबर माह तक 1063 करोड़ रुपए का लक्ष्य हासिल किया था। वर्ष 2023-24 अप्रैल से दिसंबर माह तक देशी शराब 1 करोड़ 57 लाख 66 हजार 676 लीटर, अग्रेंजी 1 करोड़ 17 लाख 1 हजार 648 बोतल, बीयर 2 करोड़ 78 लाख 76 हजार 516 केन की बिक्री हुई। वर्ष 2022-23 अप्रैल से दिसंबर माह तक देशी शराब 1 करोड़ 41 लाख 41 हजार 47 लीटर, अग्रेंजी 86 लाख 31 हजार 19 बोतल, बीयर 2 करोड़ 82 लाख 40 हजार 764 केन की बिक्री हुई थी। आबकारी विभाग के बढ़े राजस्व ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि राजस्व वसूली को बढ़ाने के साथ-साथ शराब तस्करों को जेल भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। आबकारी विभाग की कार्रवाई का ही असर है कि गाजियाबाद में शराब माफिया चुनाव हो या त्योहारी सीजन में अपना अवैध शराब का धंधा करने से डरते है। शराब माफिया पर शिकंजा कसने के साथ-साथ लाइसेंसशुदा शराब विक्रेताओं को भी समय-समय पर नियम-कानून का पाठ पढ़ाने से भी नहीं चूक रहा है।

158 तस्कर खा रहे जेल की हवा
आबकारी विभाग ने अप्रैल से दिसंबर माह में जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 778 मुकदमे दर्ज किए गए। साथ ही तस्करों से 35049 बल्क लीटर अवैध शराब बरामद किया है। साथ ही चेकिंग, छापेमारी एवं दबिश में करीब 158 तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा गया है। वहीं शराब तस्करी में प्रयुक्त 24 वाहन भी जब्त किए गए। पकड़े गए वाहनों में लग्जरी कार से लेकर दोपहिया वाहन शामिल है। आबकारी आयुक्त के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आबकारी विभाग की टीमों ने शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सफलता हासिल की है। साथ ही इसी सफलता को बरकरार रखते हुए हर दिन अभियान चलाकर कार्रवाई भी कर रही है। आबकारी विभाग की कार्रवाई को देखकर शराब माफिया ने या तो प्रदेश को ही छोड़ दिया है या फिर अपने इस अवैध कारोबार से तौबा कर लिया है। गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर दिल्ली व हरियाणा से सटा होने के कारण ज्यादा संवेदनशील जनपद है। जिसके लिए आबकारी विभाग की टीमें भी यूपी बोर्डर, हाईवे, राष्ट्रीय मार्ग एवं राजमार्ग पर मुस्तैद रहती है।

जनपद में अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए आबकारी विभाग की टीमें हर दिन नई रणनीति तैयार कर अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रही हैं। साथ ही शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। आगे भी जनपद में शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी। अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती बरती जा रही है। राजस्व में वृद्धि करने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे है। जनपद में जहां भी शराब तस्करों के ठिकाने थे, उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। इसके अलावा लाइसेंसशुदा विक्रेताओं को भी सख्त हिदायत दी गई है। जिससे वह ओवर रेटिंग न कर सकें। होटल व बिना लाइसेंस चल रहे बार पर कार्रवाई कर उन पर जुर्माना लगाया जा रहा हैं। जिले में अवैध शराब का कारोबार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिसके लिए आबकारी निरीक्षकों को भी सख्त निर्देश दिए गए है।
राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी