- -भूमाफियाओं से पीडि़तों की हर सम्भव कानूनी मदद करेगा, सोशल चौकीदार: केके शर्मा
- -निगम ने अगर मकान तोड़े तो सोशल चोकीदार कानूनी मदद से पीडि़तों को दिलायेगा उनका हक
विनोद पांडेय @ गाजियाबाद। कोई भी बिना नगर निगम की मिली भगत के जमीन पर कब्जा कर नहीं बेच सकता है। यह बात सोशल चौकीदार केके शर्मा ने आरडीसी स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। केके शर्मा ने कहा कि शांति नगर में जिन लोगों के मकान निगम तोडऩे की तैयारी में जुटा है, वह उनकी हर सम्भव कानूनी मदद के लिए आगे आए है। उनकी हर सम्भव मदद करेंगे।
कहा कि सोशल चौकीदार भूमाफियाओं के खिलाफ इन पीडि़तों हर सम्भव कानूनी मदद करेगा। वार्ता में शांतिनगर के करीब आधा दर्जन लोग भी शामिल थे जिन्हें नगर निगम ने मकान तोडऩे का नोटिस दिया है। इधर निगम का कहना है कि जिस जमीन पर वह मकान बने हैं, वह जमीन निगम की है।
वार्ता के दौरान सोशल चौकीदार केके शर्मा ने कहा कि निगम अगर इन लोगों के मकान तोड़ता है,तो वह इन लोगों की कानूनी मदद करेंगे, और पीडि़तों को उनका हक दिलाकर रहेंगे। उन्होंने कहा वह कोई नेता नही है और न उन्हें राजनीति में कभी जाना है। वह कभी चुनाव नही लड़ेंगे।
समाज मे फैली बुराई से जो भी पीडि़त है वह हर समय उसके साथ है, उसकी कानूनी मदद करेंगे। पीडि़त लोगो को हुई हानि की भरपाई कराने का हर सम्भव प्रयास करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार निगम को पत्र भी लिखा औऱ मेयर आशा शर्मा द्वारा भी इस संबन्ध में निगम को कई बार पत्र लिखा गया और भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई।
बताया कि अब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि जिन लोगों को भू-माफिया ने किसानों की जमीन बताकर सरकारी (निगम) जमीन पर कब्जा देकर धोखा दिया, ऐसे भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भूमाफियाओ की सम्पत्ति को सरकार जब्त कर,पीडि़तों के साथ न्याय करे। लोगो की हुई हानि की सरकार भरपाई करे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने स्तर से जांच करानी चाहिए कि कैसे भूमाफियाओं ने निगम की सैकड़ों बीघा जमीन को बेच दिया।
कहा कि ऐसे भूमाफियाओं पर उन्होंने कार्रवाई की मांग की है। सोशल चोकीदार के के शर्मा ने नगर निगम के साथ-साथ जनपद पुलिस पर भी भूमाफियाओं पर एक्शन नहीं लेने का आरोप लगाया। गाजियाबाद में सैकड़ों की संख्या में भूमाफिया सक्रिय हैं। जिसके चलते सरकारी व गैर सरकारी भूमि पर 320 अवैध कालोनियां बस गई हैं। भूमाफिया एक हजार गज जमीन खरीदता है लेकिन कब्जा पांच हजार गज भूमि पर करके उसे बेच देता है। इसमें सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों की भी भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत होती है। इस मक्कडज़ाल में गरीब आदमी फंस जाता है और वह अपनी जीवन भर की कमाई खर्च कर देता है। उन्होंने कहा कि शांतिनगर इसका जीता जाता उदाहरण है।
अभी तक इस कालोनी बसाने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही और मकान तोड़े जा रहे हैं। इस स्थिति में गरीब आदमी के सामने संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि वह गरीब लोगों को इंसाफ दिलाएंगे और भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने व अन्य वैधानिक कार्रवाई में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे मामले को सिविल कोर्ट का मामला बताकर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर देती है, जोकी बेहद गंभीर मामला है। इससे भूमाफियाओं का मनोबल बढ़ रहा। वह शांतिनगर में लोगों लिए धरना प्रदर्शन, आंदोलन नहीं बल्कि उन्हें कानूनी मद्द करेंगे और भूमाफिया पर कार्रवाई कराने के प्रयास करेंगे। इस दौरान ब्राहमण महासभा के प्रवक्ता वीके हनुमान के अलावा शांतिनगर से आये लोग मौजूद थे।