सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर। तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद आयुषी के हत्यारों को आखिर सज़ा मिल ही गई। पॉक्सो न्यायालय से तीनों आरोपियों को फांसी की सज़ा मिलने पर आयुषी के माता पिता की आंखें नम हो गईं और उनके मुख से अनायास ही ये शब्द निकले कि आज उनकी बेटी को न्याय मिल ही गया। आयुषी मर्डर केस के तीनों आरोपियों को सज़ा-ए-मौत बुलने के बाद कोर्ट रूम में सन्नाटा पसर गया।
बता दें कि 2 जनवरी 2018 को ट्यूशन पढ़कर घर लौट रही कोतवाली नगर क्षेत्र के गांव चांदपुर निवासी आयुषी को घर से महज 10 कदम दूरी पर कार सवार तीन मनचलों ने कार में अगवा कर लिया था। आयुषी को अगवा कर दरिंदे शहर से बाहर की तरफ ले गए थे |जहां उन्होंने चलती गाड़ी में आयुषी के साथ बलात्कार कर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद दरिदों ने आयुषी के शव को जनपद गौतमबुद्धनगर के बिलअकबरपुर स्थित एक रजवाहे में फेंक दिया था।
उस समय इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था| और तत्कालीन एसएसपी मुनिराज ने कई टीमों का गठन कर इस केस को सुलझाने के निर्देश दिए थे। कई स्थानों की सीसीटीवी फुटेज व अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस ने तीन दरिंदों को हिरासत में लिया था| और जेल भेज दिया था। तीन साल की लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद बुधवार को आयुषी को न्यायालय द्वारा न्याय मिल ही गया।
आयुषी की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता अनिल गौड़ ने प्रभावी रूप से अपना पक्ष रखते हुए आयुषी के गुनहगारों का दोष सिद्ध किया। लम्बी बहस के बाद न्याय के मंदिर में बैठे न्यायधीश ने तीन वर्ष दो माह और 22 दिन बाद तीनों दरिंदों को सज़ा-ए-मौत सुनाई। अपनी बेटी को न्याय मिलता देख आयुषी के माता पिता की उम्मीद मंजिल तक पहुंच गई। बुधवार की सुबह 11:30 बजे न्यायालय की कार्यवाही शुरू होती है
और पॉक्सो न्यायालय के न्यायधीश विकास पाराशर की अगुवाई में दोनों पक्षो के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद दोपहर 1:30 बजे अपने फैसले में आयुषी केस में नामजद तीनों अभियुक्तों जुल्फिकार अब्बासी , इजराईल उर्फ मनाली और दिलशाद को इस पूरे अपराध को बहुत ही बेरहमी से अंजाम देने का दोषी करार दिया गया और तीनों को फाँसी की सजा सुनाई गई।
कोर्ट के इस फैसले के बाद बुलंदशहर के पूरे कचहरी परिसर का माहौल ही बदल गया। पूरे परिसर में इसी केस को लेकर चर्चाएं हो रही थीं। सभी की ज़ुबान पर केवल एक ही बात थी कि आखिर आयुषी को न्याय मिल ही गया। फैसला सुनाए जाने के बाद आयुषी के माता पिता से पूछने पर उन्होंने बताया कि यह फैसला देश की सभी पीड़ित महिलाओं व बेटियो के साथ होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगाने में कारगर साबित होगा।
यदि इसी प्रकार न्यायालयों द्वारा ऐसे दरिंदों के खिलाफ सख्ती अपनाते हुए निर्णय लिए जाएंगे तो दरिंदे अपराध करने से पहले सौ बार सोचेंगे। देश मे निर्भया केस के बाद दूसरा गंभीर फैसला बुलंदशहर पोस्को कोर्ट ने सुनाया| तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए न्यायालय ने सुनाई फांसी की सज़ा
निर्भया केस के बाद मिली एक साथ तीन अभियुक्तों को फांसी की सज़ा बुलन्दशहर के जिला कारागार में किसी भी मामले बन्द अभियुक्तों को एक साथ इस तरह फांसी की सज़ा पिछले कई वर्षो में भी नहीं मिली है। लगभग 5-6 साल पहले किसी मर्डर मामले में एक आरोपी को सज़ा-ए-मौत की सज़ा सुनाई गई थी।