सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर। कोरोना काल में अगर शरीर (रोगप्रतिरोधक क्षमता) कमजोर है तो कोई भी बीमारी आसानी से घर कर सकती है, चाहे वह कोरोना हो या कोई दूसरा संक्रमण। इसलिए जरूरी है अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की। जब भी किसी व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, तो उस पर बीमारी जल्दी आक्रमण कर देती है। यही स्थिति कोरोना संक्रमण की भी है। पिछले दिनों के अनुभवों से यह कहा जा सकता है कि जिसकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी, उसके लिए कोरोना उतना ही ज्यादा घातक साबित हुआ।
जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता जितनी मजबूत थी उसने उतनी ही जल्दी कोरोना को हराया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश यादव का कहना है कि कोरोना काल में सभी चीजें प्रभावित हुई हैं। तमाम लोगों की नौकरियां नहीं रहीं, व्यापार ठप हो गये। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो गयी। हर व्यक्ति कहीं न कहीं मानसिक रूप से तनाव का शिकार हुआ है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के नाम से ही लोग तनाव में आ रहे हैं। लंबे समय तक बना तनाव दिमाग पर असर डालता है। इन्सान की मानसिक शक्ति कमजोर होती जाती है।
लंबे समय तक तनाव बने रहने से प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है। ऐसे इन्सान पर बीमारियां हावी होने लगती हैं। लंबे समय तक तनाव रहने का असर सफेद रक्त कोशिकाओं पर पड़ता है। सफेद रक्त कोशिकाएं शरीर को बीमारी से लड़ने की ताकत देती हैं। तनाव का शरीर पर एक और बड़ा हमला पाचन प्रणाली पर होता है। यह हमला दो मोर्चों पर होता है। पहला, तनाव में इन्सान को भूख नहीं लगती और दूसरा, वह जो भी खाता है वह पचता नहीं है।
इसके कारण इरिटेबल बाउल सिन्ड्रोम (दिमाग में नकारात्मक विचार आने से पाचनतंत्र में खराबी होना) जैसे डिस्ऑर्डर पैदा होते हैं।उन्होंने कहा कि तनाव को दूर रखना है तो खुद को सेहतमंद रखें। अच्छा खाएं, योगा-प्राणायाम, व्यायाम करें। पैदल चलें, स्वीमिंग करें, दौड़ें, किसी भी तरह का ऐसा व्यायाम दिन में कम से कम 35 मिनट जरूर करें। ऐसा करने पर अच्छा महसूस होगा और मन में खुशी पैदा करने वाला एंडोर्फिन यानी हैप्पी हार्मोन दिनभर बना रहेगा।
तनाव से मुक्ति के लिए दिन में कम से कम सात से आठ घंटे जरूर सोएं। अच्छी नींद का स्वस्थ ह्रदय और स्वस्थ दिमाग के साथ पक्का संबंध है। नींद नहीं आने पर पॉजिटिव सीक्रेशन (स्राव) कम हो जाता ह
डा. यादव ने कहा कि अक्सर लोग तनाव होने की स्थिति में डिप्रेशन में चले जाते हैं और इससे उबरने के लिए नशे का सहारा लेने लगते हैं, जो कि बहुत गलत है। डिप्रेशन होने की स्थिति में अपने को व्यस्त रखें, दोस्तों से चर्चा करें, अकेले रहने से बचें, खुश रहने की कोशिश करें, भरपूर नींद लें, दिनचर्या नियमित रखें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तरीके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खुश रहना बहुत जरूरी है। तनाव में न तो भूख लगेगी और न ही नींद आयेगी, इससे प्रतिरोधक क्षमता कम होगी। खानपान में बिटामिन सी का सेवन बढ़ाएं, हल्दी वाला दूध पिएं। प्रोटीन युक्त आहार लें।