राजकीय सम्मान के साथ हुआ बाबू जी का अंतिम संस्कार


सुरेन्द्र सिंह भाटी बुलंदशहर जनपद। बाबूजी की याद इतिहास के पन्नों में सदा अमर रहेगी वीआईपी वीआईपी सहित भारी तादाद में भीड़ हुई एकत्रित बुलंदशहर के नरोरा स्थित वशी गंगा घाट पर बाबूजी कल्याण सिंह जी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। जो कि बाबूजी का सपना भी बताया जा रहा है कि उन्होंने बोला था कि मेरी मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार वाशी घाट पर ही होना चाहिए।

बुलंदशहर प्रशासन को निर्देश मिलते ही रातों-रात नरोरा वशी घाट पर प्रशासन द्वारा साफ-सफाई हेलीपैड व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था तेजी के साथ कार्य किया गया। यही नहीं आवागमन में रास्तों में हो रही गड्ढों को भी रातों-रात ठीक करवाया गया था। वहीं वीआईपी और वीवीआईपी की व्यवस्थाओं को भी ध्यान में रखते हुए और बारिश के मौसम को देखते हुए व्यवस्था को बनाया गया था। लगभग 80 हजार के आसपास भीड़ होने का अनुमान बताया गया है। अधिक संख्या में भीड़ उमड़ने पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई जिसके कारण काफी नेताओं और मीडिया कर्मियों को भी मुख्य स्थान तक जाने पर रोक लगानी पड़ी।

वहीं सुरक्षा व्यवस्था में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कोई भी कमी नहीं छोड़ी। मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्मृति ईरानी केशव प्रसाद मौर्य स्वतंत्र देव सिंह राजनाथ सिंह उमा भारती सुरेश खन्ना साक्षी महाराज सहित काफी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी मिली।

अंतिम संस्कार में 11 ब्राह्मण मौजूद रहे। जिनके द्वारा दाह संस्कार हेतु विधि विधान के साथ उनके बेटे राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया द्वारा दाग देते हुए अंतिम संस्कार किया गया।

बाबूजी कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस होने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी ही थे उत्तर प्रदेश के लोग कल्याण सिंह जी को प्यार से बाबू जी पुकारते थे। और उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हें प्रखर राष्ट्रवादी राजनेता के रूप में जाना जाता है।

राजनीतिक इतिहास

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यकाल 24 जून 1991 से 6 दिसंबर 1992 को पद से खुद त्यागपत्र दे दिया था एक बार फिर 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का भार संभाला।

राजस्थान के राज्यपाल पद पर 4 सितंबर 2014 से 8 सितंबर 2019 तक रहे। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद का भार भी 1 जनवरी 2015 से 12 अगस्त 2015 तक संभाले रखा।

जन्म 5 जनवरी 1932 आयु 89 वर्षअलीगढ़ उत्तर प्रदेश में हुआ और उनका निधन 21 अगस्त 2021 को पीजीआई लखनऊ में हुआ

पसंदीदा
राजनेता अटल बिहारी वाजपेई को बताते थे

परिवार
बाबूजी कल्याण सिंह जी का परिवार उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद की अतरौली तहसील में डोली गांव है इनके पिता तेजपाल सिंह लोधी और माता सीता देवी इनके जीवन संगिनी रामवती एक बेटा राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया एक पुत्री प्रभादेवी और यह हिंदू लोधी राजपूत के वंशज थे।

शिक्षा कॉलेज धर्म समाज महाविद्यालय अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में शैक्षणिक योग्यता बीएए लएलबी की थी और ये शुद्ध शाकाहारी खाना पसंद करते थे और इसी के साथ अभिरुचि में समाचार और कबड्डी देखना।

संगीत सुनना धार्मिक शास्त्र पढ़ना पसंद करते थे विवाद बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर बनाने की शपथ ग्रहण की बाबरी मस्जिद विध्वंस में सम्मिलित होने पर उन्हें कोई खेद नहीं है उनके अनुसार बाबरी मस्जिद विध्वंस आवश्यक था।

फरवरी 1998 उनकी सरकार ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल लोगों के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए थे वर्ष 1999 और वर्ष 2009 में बीजेपी छोड़ने के लिए हुए विवादों में रहे इनका पसंदीदा खेल कबड्डी और टेनिस रहा।

शिक्षा

शिक्षा क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यकाल में शक्ति के रुख अपनाए रखा उस समय सुनने को मिलता था कि कल्याण सिंह की सरकार में किसी भी स्थिति में छात्र नकल नहीं कर सकते थे