7 वर्षीय छात्र की हत्या का सनसनीखेज खुलासा स्कूल के ही छात्रों ने की छात्र हर्ष की हत्या

सुरेंद्र सिंह भाटी@बुलंदशहर थाना छतारी थाना क्षेत्र के गांव शेखूपुर निवासी चन्द्रप्रकाश पुत्र अनेक सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि 09जुलाई कि सुबह उनका 07 वर्षीय पुत्र हर्ष कुमार घर से एसआर इंटरनेशनल स्कूल गया था जो घर वापस नहीं आया है। इस सम्बन्ध में थाना छतारी पुलिस ने अज्ञात मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। दिनांक 10जुलाई को हर्ष का शव जनपद अलीगढ के हरदुआगंज क्षेत्र में मिला था। दर्ज मुकदमे में धारा 302/201 भादवि की बढोत्तरी की गयी थी।

घटना के खुलासे के लिए एसएसपी बुलन्दशहर श्लोक कुमार ने 06 टीमे गठित कर लगायी गयी थी। गठित टीमों द्वारा अथक् परिश्रम कर तकनीकी माध्यमों से लगातार की गयी छानबीन तथा स्कूल के आस पास एवं घटना स्थल अलीगढ तक आने-जाने वाले संभावित रस्तों पर लगे 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का निरीक्षण किया गया और 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की गयी जिसके परिणामस्वरुप घटना में संलिप्त 05 बाल अपचारियों के नाम प्रकाश में आए। आज शुक्रवार को गठित पुलिस टीमो द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुए अभिसूचना के आधार पर पांचो बाल अपचारी को हनुमान चौराहे से पुलिस अभिरक्षा में लिया गया।

अग्रिम वैधानिक कार्यवाही करते हुए बाल अपचारियों को माननीय किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश कर बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जा रहा है।


आखिर क्यों की छात्र हर्ष की हत्या
पुलिस की पूछताछ में बाल अपचारी सोनू (काल्पनिक नाम) उम्र करीब 15 वर्ष ने पूछताछ पर बताया कि वह एसआर इन्टरनेशनल स्कूल पण्ड्रावल में कक्षा 10 का छात्र हैं। बाल अपचारी मोनू (उम्र 16 वर्ष), चीनू (उम्र 16 वर्ष), टोनी (उम्र 15 वर्ष) व चीनू की मौसी का लडका टिंकू (उम्र 15 वर्ष) (सभी काल्पनिक नाम) उसके दोस्त है तथा हम सब लोग अक्सर एक साथ ही रहते है। अभी कुछ दिन पहले मेरे(सोनू) साथी मोनू के बैंक खाते से 40,000 रुपये कट गये थे जिसको लेकर वह परेशान था।

डर की वजह से घर पर भी नही बता पा रहा था। इसलिए हम सभी ने मिलकर एक प्लान बनाया कि मेरे(सोनू) स्कूल से हमारे गांव निवासी चन्द्रप्रकाश के लडके हर्ष को उठाते है व उठाने के बाद स्कूल वालों से पैसों की मांग करेंगे ताकि मोनू के पैसे पूरे हो सके और हमारे हिस्से में भी कुछ पैसे आ जायेगे। योजनानुसार दिनांक 09.07.22 को जब सुबह हमारे गांव के बच्चे मनोज़ की गाड़ी से स्कूल के लिए आये तभी हम लोग भी स्कूल के पास आ गये। मैं स्कूल के अन्दर गया, जैसे ही हर्ष अपनी क्लास में बैग रखकर बाहर टायलेट के पास घूम रहा था तो उसी समय प्लानिंग के हिसाब से मैंने बच्चे को उठाकर पीछे स्कूल की दीवार के पास अपने चारों साथियों को दे दिया।

इसके कुछ देर बाद मैं भी स्कूल से निकल गया। मोनू व टोनी बच्चे हर्ष को मोटर साइकिल पर बैठाकर रायपुर से अतरौली होते हुए एटा चुंगी अलीगढ़ पहुचें। हम तीनो भी बस से वहां पहुँच गये थे। एटा चुंगी के पास मोनू का एक बन्द पड़ा हुआ मकान है जहां बच्चे को बन्धक बनाकर रखना था। लेकिन उस समय हम लोग इतने डर गये थे कि हम लोगो को कुछ समझ नहीं आया कि क्या करें, हमें डर था कि बच्चे ने हम लोगो को पहचान लिया है, अगर इसे छोडेंगे तो यह सब बाते घर व स्कूल जाकर बता देगा जिससे हमारी पिटाई होगी।

इसके बाद हम सभी लोग बच्चे को लेकर हरदुआगंज से आगे बह रही बडी नहर की पटरी पर आ गये। मैं(सोनू) व मोनू एटा चुंगी से बच्चे को मोटर साईकिल पर बैठाकर लाये, बाकी तीनो बस से नहर पर आ गये। फिर हम पांचो ने वहीं सुनसान स्थान पर बच्चे हर्ष का रुमाल से गला घोंटकर हत्या कर शव को वहीं नहर में फेंक दिया था। बच्चे का आई कार्ड उसकी जेब से निकाल लिया था ताकि बच्चे की पहचान न हो सकें तथा आई कार्ड को उसी रुमाल मे जिससे बच्चे का गला घोटा था में बांधकर झाडियों में छुपा दिया था।

इसके बाद मैं और मोनू मोटरसाईकिल से बाकी सभी बस से वापस गांव आ गये थे, आते समय मैं स्कूल से अपना बैग भी लेकर घर आ गया था।