जिला आबकारी अधिकारी ने की ओएसिस टीम व जीपीएस प्रोवाइडर्स के साथ बैठक

प्रमोद शर्मा @ गाजियाबाद। शराब एवं अल्कोहॉल के परेषण में कोई गड़बड़ी न हो सके उसके लिए आबकारी विभाग ने शराब, अल्कोहाल व शीरा के पारेषण में वाहनों में जीपीएस व डिजिटल लॉक को इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम (आइईएससीएमएस) के तहत लाने की प्रक्रिया को शुरु कर दिया गया है।

शराब, अल्कोहाल व शीरा के पारेषण में पारेषण की ट्रैकिंग के लिए वाहनों में जीपीएस, डिजिटल लॉक कम जीपीएस डिवाइसेस को इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम (आइईएससीएमएस) परियोजना के अंतर्गत वीटीएस (वहीकल टै्रकिंग सिस्टम) को इंटिग्रेट किये जाने के लिए गुरुवार को जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अपने कार्यालय में ओएसिस टीम की सभी संबंधित इकाइयों (आसवानी, यवासवानी, बॉटलिंग यूनिट्स, बॉन्ड्स, बांड्स की पेरेंट यूनिट्स, चीनी मिलों) एवं उनके जीपीएस सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ बैठक की गई। बैठक में ओएसिस टीम को जीपीएस इंटीग्रेशन के लिए आवश्यक डाटा दो दिन में उपलब्ध कराने के लिए इकाइयों एवं उनके जीपीएस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिए।

जिला आबकारी अधिकारी ने कहा शराब, अल्कोहाल व शीरा परिवहन करने वाली गाडिय़ों या ट्रकों में नगे हुए जीपीएस व डिजिटल लॉक सिस्टम को आइईएससीएमएस के तहत लाने की प्रक्रिया शुरु के करने के निर्देश दिए गये है। इनकी गाडिय़ों या ट्रकों में खास किस्म के डिजिटल लॉक सिस्टम लगाये जायेंगे। डिजिटल लॉक से लैस इन वाहनों में जीपीएस की हमेशा चौकसी रहेगी।

अगर रास्ते में कहीं से खोल या छेड़छाड़ किया जायेगा, तो आबकारी विभाग को इसकी तुरंत जानकारी मिल जाएगी। इस डिजिटल लॉकिंग सिस्टम में एक सिम कॉर्ड भी रहेगा, जिसके माध्यम से यह मोबाइल से भी जुड़ा रहेगा। इन गाडिय़ों पर जीपीएस भी रहेगा, जिससे पूरे रास्ते में गाडिय़ों का पोजिशन पता चलता रहे।

किस समय कहां से गाड़ी गुजर रही है, इन सब की निगरानी की जा सकेंगी। ओएसिस टीम को जीपीएस इंटीग्रेशन के लिए आवश्यक डाटा दो दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये है। उन्होंने बताया गाडिय़ों जीपीएस न लगा होने के चलते काफी मशक्कत करनी पड़ती थी, मगर अब जीपीएस लगने से गाडिय़ों को ट्रेक करने में आसानी रहेगी। इसको ऑनलाइन जोड़कर ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम पर चलाया जाएगा। विभाग की सभी प्रक्रियाओं को कम्प्यूटराज्ड कर इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम (आइईएससीएमएस) लागू किया जा रहा है।