गाजियाबाद के शौकीनों गटक गए 1577 करोड़ की शराब, बनाया नया रिकॉर्ड

प्रमोद शर्मा @ गाजियाबाद। कोरोना के बाद जिले के लोगों ने बीते एक वर्ष में जमकर जाम छलकाएं हैं। योगी सरकार ने भले ही उत्तर प्रदेश में शराब बिक्री के समय को कम कर दिया हो, लेकिन शराब पीने वालों के जोश में कोई कमी नहीं आई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो समय कम होने के बावजूद भी पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। 2022-2023 के दौरान ही लोग 1577.55 करोड़ रुपये की शराब गटक गए।

शराब माफिया के खिलाफ हो रही लगातार कार्रवाई के साथ-साथ राजस्व वसूली को लेकर भी आबकारी विभाग कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। जनपद गाजियाबाद की बात की जाए तो यहां पर आबकारी विभाग ने पिछले वर्ष से अधिक राजस्व प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को भेदने के साथ ही जनपद में आबकारी विभाग ने शराब माफिया की भी कमर तोड़ रहा है। वर्ष 2022-23 में राजस्व वसूली का टारगेट बढ़ने से आबकारी विभाग की मुसीबत बढ़ गई है। मगर राजस्व वसूली के टारगेट को पूरा करने में आबकारी विभाग पिछले वर्ष से अधिक राजस्व प्राप्त किया है।

आबकारी विभाग ने मार्च माह में राजस्व वसूली में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 189.147 करोड़ रुपए राजस्व वसूली की है। जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 67.537 करोड़ रुपए अधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 मार्च माह में 121.61 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती करीब 6 महीने आबकारी विभाग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। दिल्ली सरकार द्वारा नई शराब नीति लागू होने के बाद से दिल्ली में शराब सस्ती हो गई। दिल्ली में लोगों को सस्ती दर पर शराब मिलने के साथ ही एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री का ऑफर दिया गया। गाजियाबाद दिल्ली से सटा हुआ है और गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले कई ऐसे रास्ते है। जिन रास्तों से लोग दिल्ली से गाजियाबाद में आसानी से शराब लाकर पीते थे।

हालांकि आबकारी विभाग ने इसके बाद भी पिछले वर्ष से अधिक राजस्व प्राप्त कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश सरकार की माली हालत को सुधारने में गाजियाबाद का आबकारी विभाग अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। गाजियाबाद में अवैध शराब के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए आबकारी विभाग की टीम भी दिन-रात कार्रवाई कर रही है। साथ ही राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए भी खूब मशक्कत की।