गौतमबुद्ध नगर। बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। पूरे प्रदेश में शराब पीना, पिलाना, बेंचना और रखना गैरकानूनी है। मगर बिहार में शराब तस्करों ने शराब की खेप को पहुंचाने के लिए एक नए तरीके का ईजाद किया है। तस्कर कभी लग्जरी कार, बस, ट्रांसपोर्ट, रेल, गाड़ी सीट के नीचे जैसे जगहों पर तहखाना बनाकर शराब की तस्करी कर रहे है। आबकारी विभाग की टीम ने शराब तस्करी के ऐसे नए तरीका खुलासा किया है। जहां तस्करों ने गाड़ी के अंदर शराब छिपाकर रखा हुआ था। शक न हो इसके लिए गाड़ी के अंदर एक केबिन बनाया हुआ था और बाहर चेनल लगाकर उस पर सील लगाया हुआ था। जिससे कभी कोई पकड़े भी तो सील देखकर चेक न कर पाए। शराब तस्करी के लिए साइकिल के मशीनरी पार्टस के नाम पर बिल्टी बनाया हुआ था। आबकारी विभाग की टीम बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 35 लाख की शराब बरामद किया है। जबकि बिहार में यह शराब पहुंचने के बाद इसकी कीमत दो से तीन गुना और बढ़ जाती।
बिहार में शराब बंदी होने के बाद शराब माफिया को तस्करी में सबसे ज्यादा फायदा बिहार में सप्लाई करने पर हो रहा है। जिसके लिए वह कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा है। बिहार में शराब तस्करी के लिए आए दिन नए पैंतरे अपनाते है, मगर आबकारी विभाग की कार्रवाई के चलते उनकी दाल नहीं गल रही है। रात भी तस्कर पंजाब से बिहार में शराब तस्करी के लिए गाड़ी लेकर जा रहे थे। मगर आबकारी विभाग की टीम को देखकर चालक व परिचालक 500 मीटर दूर पहले ही गाड़ी छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। गाड़ी के नंबर की जांच की गई तो पता चला कि गाड़ी का बिहार में भी कई बार चालान कटा हुआ है। यह पहला मामला नहीं है जब गाड़ी के अंदर से शराब पकड़ी गई है। हाल ही में आबकारी विभाग की टीम ने लाखों रुपए की शराब बरामद की थी। धंधेबाज पंजाब से गाड़ी चालक की सीट के बने तहखाने के नीचे शराब छिपाकर लेकर जा रहे थे।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया शनिवार रात को मुखबिर से सूचना मिली कि बिहार में सप्लाई के लिए बड़ी खेप लुहारली टोल होते हुए जाने वाली है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय के नेतृत्व में टीम तैयार की गई। जहां एसीपी दादरी सार्थक सेंगर, एसएचओ सुजीत उपाध्याय की टीम के साथ आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय एवं प्रवर्तन मेरठ की टीम संयुक्त टीम ने लुहारली टोल पर वाहनों की चेकिंग शुरु कर दी। तभी चेकिंग के दौरान टाटा केंटर ट्रक वाहन को दूर से ही रुकने का इशारा किया तो चालक और परिचालक गाड़ी को स्टार्ट ही छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग गए। टीम ने जब टाटा केंटर ट्रक की जांच की तो कुछ नहीं मिला। मगर केंटर के अंदर एक केबिन बना हुआ था, जिसमें चेनल लगा हुआ था। चेनल पर एक सील लगी हुई थी। मगर टीम की सूझबूझ के चलते सील को हटाया गया तो उसके छिपाकर रखी गई पंजाब मार्का 480 पेटी शराब में 160 पेटी कुल 1920 बोतल (750 एमएल) मेक डॉवल नंबर-1, 160 पेटी कुल 3840 (375 एमएल) बोतल इम्पीरियल ब्लू एवं 160 पेटी कुल 7680 बोतल इम्पीरियल ब्लू धारिता (180 एमएल) बरामद किया गया।
बरामद गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर को ई-चालान ऐप पर डालकर चेकिंग करने पर गाड़ी की नंबर प्लेट फर्जी पाई गई। संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम एवम भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कर अग्रेतर कार्यवाही की जा रही है। बरामद मदिरा का अनुमानित मूल्य लगभग 35 लाख रुपए है। आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय ने बताया जिला आबकारी अधिकारी के निर्देशन में क्षेत्र में अवैध शराब तस्करी के कारोबार को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। गाड़ी की जांच करने पर उसमें एक बिल्टी बरामद हुआ है। जांच करने पर पता चला कि बिल्टी साइकिल के मशीनरी पार्टस बिहार में भेजने के नाम पर बनाई हुई थी। साइकिल पार्टस सप्लाई के नाम पर शराब तस्करी का धंधा किया जा रहा था। उक्त गाड़ी का बिहार में भी कई बार चालान हुआ है। बरामद शराब पंजाब से बिहार में सप्लाई के लिए लेकर जा रहे थे। गाड़ी मालिक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर तलाश की जा रही है।