हरियाली तीज महोत्सव में गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने दिया प्राकृतिक संरक्षण का संदेश

गाजियाबाद। शिक्षण संस्थानों में बुधवार को हरियाली तीज उत्सव की धूम रही। बच्चों ने झूले का आनंद लेने के साथ पोस्टर मेकिग, मेहंदी लगाओ, कविता पाठ आदि प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखाई। शिक्षकों ने विद्यार्थियों को तीज पर्व का महत्व बतलाया। गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल पी ब्लॉक प्रताप विहार के प्रांगण में हरियाली तीज के उपलक्ष्य में हरियाली तीज का त्यौहार एवं ग्रीन डे मनाया गया। हर वर्ष सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। अध्यापक-अध्यापिकाओं व विद्यार्थियों के लिए विद्यालय में तीज पार्टी का आयोजन किया गया। विद्यालय की छात्राओं ने हरे रंग की ड्रेस में सबका मन मोह लिया। विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी भी करवाई गई। ग्रीन डे व मेंहदी कम्पटीशन करवाई गयी। इस मौके पर प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए बताया की तीज को हरियाली तीज या कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है।

तीज का पर्व हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है जो कि नाग पंचमी से दो दिन पहले आता है। हरियाली तीज व्रत का विशेष महत्व है इस दिन ग्रहों की भी उत्तम स्थिति बन रही है। सूर्य और बुध दोनों ही सिहं राशि में विराजमान है। दोनों ग्रहों के साथ होने पर बुधादित्य योग बन रहा है। इस बार हरियाली तीज पर की गई पूजा से शुभ फल और बढ़ जाएगा। हमारी संस्कृति में तीज उत्सव का बहुत बड़ा महत्व है। तीज का त्योहार हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक मूल्यों को प्रदर्शित करता है। इस त्योहार के माध्यम से अतीत के दर्शन भी होते हैं।

उपप्रधानाचार्या तनूजा ने कहा हरियाली तीज भी मुख्यत: स्त्रियों का त्यौहार है, जो श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। लहलहाती प्रकृति और प्रेम के रंगों को समेटे हरियाली तीज, अखंड सौभाग्य एवं परिवार की कुशलता के लिए किया जाने वाला व्रत है। महिलाएं पूजन-वंदन कर झूला झूलती है और सुरीले स्वर में सावन के गीत-मल्हार गाती हैं। पूजा-अर्चना के साथ उल्लास-उमंग का यह त्यौहार एक पारंपरिक उत्सव के रूप में जीवन में नए रंग भरता है। तीज पर्व का धार्मिक और बहुत बड़ा सांस्कृतिक महत्व है।

इसे भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के रूप में भी देखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। तीज हमारी लोक संस्कृति के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हरियाली तीज के अवसर पर उपप्रधानाचार्य तनूजा ने बच्चों को हरे रंग का महत्त्व भी बताया और ग्रीन डे और अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के लिए भी प्रेरित किया। मानव का जीवन तभी सुरक्षित है जब पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़-पौधे अधिक से अधिक लगाए जाए। पौधे लगाने तक ही अपनी जिम्मेदारी नही है, बल्कि इसकी देखभाल भी जरुरी है।