लखनऊ। राजधानी लखनऊ में अवैध शराब कारोबारियों और तस्करों पर आबकारी विभाग का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। जिले के मुखिया, जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह ने मोर्चा खुद संभालते हुए बीती रात अपनी टीम के साथ सड़कों पर उतरकर ऑपरेशन क्लीन शराब का नेतृत्व किया। इस दौरान शहर के गली-कूचों से लेकर अयोध्या रोड, राष्ट्रीय और राज्य मार्गों तक चौकसी बरती गई। ढाबों, होटलों और बार-रेस्टोरेंट्स की तलाशी ली गई। नतीजा यह रहा कि न सिर्फ अवैध शराब की बड़ी खेप बरामद हुई बल्कि शराब माफियाओं और तस्करों की कमर भी टूट गई। शुक्रवार की रात जब अधिकांश लोग घरों में आराम कर रहे थे, तब आबकारी विभाग की टीमें सड़कों पर सक्रिय थीं। खुद जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह ने मोर्चा संभाला और अपनी टीमों के साथ राजमार्गों पर चेकिंग की। उनके नेतृत्व में टीम ने ऐसा फुर्तीला रवैया दिखाया कि अवैध शराब कारोबारियों में अफरातफरी मच गई।

हर छोटे-बड़े वाहन को रोका गया, कागज चेक हुए, संदिग्ध सामान की तलाशी ली गई। टीम के अधिकारियों का कहना था कि जब उनके कप्तान खुद मैदान में हों, तो जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। नतीजा यह रहा कि रातभर चला ऑपरेशन किसी फिल्मी पुलिस छापेमारी से कम नहीं लगा। इस ऑपरेशन में आबकारी निरीक्षक विवेक सिंह, राहुल कुमार सिंह, रिचा सिंह, अभिषेक सिंह, रजनीश प्रताप सिंह, अरविंद बघेल, कौशलेन्द्र रावत, प्रदीप शुक्ला, अखिलेश चौधरी, अखिल गुप्ता और मोनिका यादव समेत पूरी टीम मौजूद रही। हर टीम को अलग-अलग क्षेत्र में जिम्मेदारी दी गई थी। कोई ढाबों की जांच कर रहा था, कोई राजमार्ग पर ट्रकों को रोक रहा था, तो कोई मोहल्लों में छापेमारी कर रहा था। राजधानी की जनता ने भी यह नज़ारा देखा और सराहा कि आबकारी विभाग रात में भी कानून-व्यवस्था और सामाजिक सेहत को सुधारने के लिए जुटा है।

इस ऑपरेशन के बाद राजधानी के अवैध शराब कारोबारियों में डर का माहौल है। ढाबों और ट्रक ड्राइवरों तक में संदेश चला गया है कि आबकारी विभाग हर समय चौकस है। जनता में भी यह भरोसा जगा कि विभाग उनकी सेहत और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। लखनऊ में आबकारी विभाग का यह ऑपरेशन एक निर्णायक लड़ाई की शुरुआत है। जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह की कार्यशैली ने टीम को नई ऊर्जा दी है। उनकी मौजूदगी ने यह साबित कर दिया कि जब कप्तान खुद मैदान में उतरता है, तो जीत सुनिश्चित हो जाती है। राजधानी की जनता अब यह मानकर चल रही है कि अवैध शराब कारोबारियों के दिन गिने-चुने रह गए हैं।
गांव-गांव छापेमारी, माफियाओं में हड़कंप
ऑपरेशन के तहत जिले के संवेदनशील इलाकों में छापेमारी की गई। ग्राम रामनगर (थाना मलिहाबाद), गुलाबखेड़ा, लुधोशी (थाना काकोरी), विभूतिखंड, बीबीडी, आलमबाग, मानकनगर, कैसरबाग, वजीरगंज, बिजनौर और सरोजनीनगर के संदिग्ध स्थलों पर दबिश दी गई। परिणामस्वरूप 90 लीटर अवैध शराब बरामद हुई और 1 आरोपी गिरफ्तार हुआ। संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में 5 मुकदमे दर्ज किए गए। यह कार्रवाई शराब माफियाओं के लिए साफ संदेश थी कि अब राजधानी में अवैध कारोबार की कोई जगह नहीं है।
ढाबों और होटलों को मिली कड़ी चेतावनी
ऑपरेशन का सबसे अहम हिस्सा ढाबों और होटलों की जांच रहा। टीम ने अयोध्या रोड और अन्य मार्गों पर चल रहे ढाबों पर छापेमारी की। ढाबा संचालकों को सख्त हिदायत दी गई बिना लाइसेंस शराब पिलाते पाए गए तो सीधे जेल। ढाबे पर आने-जाने वाले वाहनों पर खुद निगरानी रखें। अवैध शराब से जुड़ी किसी भी सूचना को तुरंत विभाग को दें। इस सख्ती के बाद ढाबा संचालकों में भी खलबली मच गई और उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे खुद निगरानी बढ़ाएँगे।
बिना चेकिंग कोई वाहन आगे नहीं बढ़ेगा
ऑपरेशन के दौरान जिला आबकारी अधिकारी ने टीमों को दो-टूक आदेश दिया कि बिना चेक किए कोई भी वाहन आगे न बढ़े।
उन्होंने कहा कि हर ट्रक, टैंकर और छोटी गाड़ी की जांच हो। चाहे वह निजी वाहन ही क्यों न हो, जांच में कोई ढील न दी जाए। राजधानी की सेहत और सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव और त्योहारों के मद्देनज़र तस्करी की आशंका और बढ़ गई है। इसीलिए राजधानी लखनऊ में चौकसी और भी बढ़ाई गई है। टीमें चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगी और हर संदिग्ध वाहन या ठिकाने की जांच की जाएगी।
जागरूकता भी ऑपरेशन का हिस्सा
इस ऑपरेशन में जहां दबिश और गिरफ्तारी हुई, वहीं जागरूकता अभियान भी चलाया गया। ढाबा संचालकों, होटल मालिकों और जनता को यह संदेश दिया गया कि शराब का अवैध कारोबार सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं बल्कि समाज और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। ऑपरेशन के बीच करुणेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी जीत जनता का भरोसा है। हम रात-दिन सड़कों पर इसलिए हैं ताकि राजधानी की सेहत और कानून-व्यवस्था पर कोई आंच न आए। यह अभियान लगातार चलेगा और माफियाओं को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
राजधानी लखनऊ में अवैध शराब के लिए अब कोई जगह नहीं बचेगी। हमारी टीमें दिन-रात सक्रिय हैं और किसी भी कीमत पर शराब माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा। यह केवल कानून लागू करने की बात नहीं है, बल्कि राजधानी की सेहत, युवा पीढ़ी के भविष्य और समाज की सुरक्षा का सवाल है। मैंने खुद सड़कों पर उतरकर टीमों की कार्यवाही देखी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर स्तर पर पारदर्शिता और तेजी बनी रहे। बिना चेकिंग कोई वाहन आगे नहीं बढ़ेगा, चाहे वह ट्रक हो, टैंकर हो या निजी गाड़ी। हमारा संदेश साफ है कि जो लोग शराब के अवैध कारोबार में शामिल हैं, वे या तो यह काम तुरंत बंद कर दें या जेल जाने के लिए तैयार रहें। राजधानी के नागरिक निश्चिंत रहें, आबकारी विभाग उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए चौबीसों घंटे तैनात है। यह अभियान केवल शुरुआत है, आने वाले दिनों में और भी सख्त कार्रवाई होगी।
करुणेन्द्र सिंह
जिला आबकारी अधिकारी