सुरेन्द्र भाटी@ बुलंदशहर । योगी सरकार में गौ रक्षा हेतु अनेको उपाय किये गए है । यहाँ तक कि आवारा गायो के रखरखाव हेतु गौशालाएं पूरे उत्तर प्रदेश में खुलवाई गई है जिसमे गायो के लिए तीस रुपये में दोनों टाइम का चारा ओर रातव भी मुहैय्या करवाया जा रहा है ।
इसी के साथ गायो की सुरक्षा और रखरखाव की दृष्टि से बेहतर टीन शेड बिजली पानी सफाई और ताज़े चारे की भरपूर व्यवस्था बनाई गई है । इतना ही नही योगी सरकार में इन गायो के रख रखाव हेतु प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए गए है कि किसी भी परिस्थिति में गायो को समस्या न आने पाए और लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए किन्तु हकीकत बया कुछ और हो रही है ।
रविवार को भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के राष्टीय अध्यक्ष ठाकुर धर्मेन्द्र सिंह को मालूम चला कि औरंगाबाद स्थित गोशाला में चार गाय चारा न मिल पाने के कारण तड़प तड़प कर मरने की कगार पर है ।
पहले तो इन लोगो को गोशाला के अन्दर नही जाने दिया| और रखरखाव में लापरवाही बरते जाने को कहने पर नगरपंचायत कर्मचारी ने यहां तक बोल डाला कि सरकार से मात्र तीस रुपये प्रति दिन के हिसाव से एक गाय के मिल रहे है| जिसमे इनका भरण पोषण नही हो पा रहा और हम अपनी जेब से खर्च क्यो करे । स्थिति इतनी गम्भीर थी कि भूख प्यास से बिलखती हुई चार गाये एक कमरे में अंतिम सांस गिन रही है|
तो बाहर धूप में ओर अन्य चार गए तड़प रही है । जिनके चारे पानी तक कि व्यवस्था भी नही हो पा रही है ।ना टाइम से खाना है ना पानी इस विषय पर भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के राष्टीय अध्यक्ष ठाकुर धर्मेन्द्र सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी सूचित किया|पर अधिकांश अधिकारियों ने फोन नही उठाये ओर फोन उठ भी गए तो एस डी एम के जबाब में सुनने को मिला कि अगर आपको बुरा लग रहा है तो गायो को अपने घर ले जा सकते हो ।
सही मायनों में गोशालाओं में गायो की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है और तीस रुपये में इनका दो समय का भरण पोषण भी मानो ऊँट के मुह में जीरा साबित हो रहा है । इस समस्या से पत्र के माध्यम से धर्मेन्द्र सिंह ने जिलाधिकारी को प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ओर देश के प्रधानमंत्री के लिए पत्र भेजे जाने की बात कही है|
साथ ही अनुरोध किया है कि गाय के गोबर को पचीस रुपये प्रति किलो में बेचने की प्रक्रया बनाये जाने की योजना तैयार करे जिसके कारण जैविक खाद से खेती में पैदावार बढ़ेगी और पौष्टिकता भी मिलेगी जिसके रख रखाव में ज्यादातर किसान गायो को पालेंगे ओर दूध अगर गाय नही दे रही तो उसके गोबर से किसान भरण पोषण कर सकेगा |
अगर इस मुहिम को नही चलाया गया तो गोशाला में गायो को इस प्रकार मारने से तो अच्छा होगा कि उन्हें पुनः जंगल मे ही छोड़ दिया जाए यहा गो सेवा नही गो हत्या हो रही है ।