नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि साल 2023 की शुरूआत दिल्ली के अंदर एक बहुत दुखद घटना से हुई है। एक सामान्य प्रोटोकॉल है कि नए साल के जश्न के दिन और आधी रात और उसके बाद तक सड़कों पर लोग मौजूद होते है। पुलिस की ओर से जगह-जगह बैरिकेडिंग लगना एक सामान्य प्रोटोकॉल है। यदि कोई शराब पीकर गाड़ी चला रहा है या कोई भी इस तरीके की संदेहजनक एक्टिविटी हो रही है तो ऐसे में 31 दिसंबर की रात को जगह-जगह चेकपोस्ट पर लोगों की शिनाख्त करना पुलिस का एक साधारण सा प्रोटोकॉल है।
ऐसी रात को दिल्ली पुलिस को सुबह करीब 3 बजकर 22 मिनट पर एक हलवाई की दुकान पर काम करने वाला फोन करके बताता है कि साहब ग्रे कलर की एक बोलेरो गाड़ी जा रही है, जिसमें नग्न अवस्था में एक लड़की फंसी हुई है। वह गाड़ी 20 से 30 की स्पीड में चल रही है, इसे आप देखें। आदमी स्वयं उस गाड़ी का पीछा करता है, इसके बावजूद पुलिस उस गाड़ी को नहीं पकड़ पाती है। जब दिल्ली पुलिस को 4 बजकर 11 बजे पर कॉल आती है कि एक जगह पर लड़की की नग्न अवस्था में लाश पड़ी है। तब पुलिस उस लाश को बरामद करने पहुंचती है। क्या यह दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल पर एक बड़ा सवालिया नहीं लगाता है।
भारद्वाज ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे है कि यह हादसा पुलिस ने करवाया होगा। मगर ऐसे हादसे के बाद पुलिस का क्या रवैया रहा? क्या लिपापोती की गई? यह पूरा मामला उसका एक उदाहरण है। इससे घटिया और गिरी हुई हरकत कोई पुलिस वाला नहीं कर सकता। आरोपित अपने बचाव में जो कह रहें है वो पक्ष दिल्ली पुलिस के डीसीपी हरेंद्र कुमार पुलिस का वर्जन बताकर दे रहे हैं। अगर आपकी गाड़ी में एक छोटा सा पॉलिथीन भी फंस जाए तो गाड़ी खर-खर की आवाज करती है।
जबतक गाड़ी रोकोगे नहीं, तक तब आपको स्वयं इरिटेशन होती है कि गाड़ी में क्या फंस गया। जबकि इस मामले में गाड़ी में एक लाश फंसी हुई है, 12 किमी तक वो लाश को घसीटते हुए ले जा रहे हैं। पुलिस के डीसीपी कह रहे है कि गाड़ी का म्यूजिक इतना तेज था कि गाड़ी में बैठे पांच आरोपितों को पता ही नहीं चला। इसलिए 20 किमी की स्पीड पर वो 12 किमी की रैली निकाल रहे थे। इलाके में यूटर्न मार रहे थे। डीसीपी हरेंद्र सिंह इतने गिर गए कि वो पत्रकारों को धमकी दे रहे है कि अगर किसी ने इस मामले में बलात्कार के शक को लेकर कहा तो पुलिस उनपर कार्रवाई करेगी।
वहीं भारद्वाज ने कहा कि आखिर कैसे उस बेचारी बच्ची के कपड़े उतर गए। उसके शरीर पर एक कपड़ा नहीं था। उसकी पसलियां तक सड़क पर घिस-घिसकर उखड़ गई थी। उसकी पूरी पसलियां भी नहीं हैं। उस बच्ची के नीचे के शरीर पर मास नहीं बचा, पसलियां भी घिस-घिसकर सड़क पर टूट-टूटकर गिर गई है। ये कह रहे हैं कि किसी को पता ही नहीं चला।
वहीं भारद्वाज ने कहा कि वह केंद्र सरकार से मांग करते है कि एलजी विनय सक्सेना को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। ऐसे कैसे लोगों के हाथ में हमने पूरी व्यवस्था दे दी। इन्हें दिल्ली के बारे में कुछ पता ही नहीं और ये दिल्ली में कभी रहे ही नहीं। इन्हें अगर दिल्ली में सुल्तानपुरी में छोड़ दें तो इन्हें ये नहीं पता कि नजफगढ़ किस दिशा में है।