नई दिल्ली, संवाददाता। गाजीपुर फूल मंडी व सीमापुरी में दो बैग में आरडीएक्स मिलने के मामले को स्पेशल सेल अब तक नहीं सुलझा पाई है। सीसीटीवी फुटेज से सेल को आरडीएक्स रखने वाले दो आतंकियों की तस्वीरें मिल गई, फिर भी सेल उनकी पहचान कर पाने में अब तक विफल है।
कहा जा रहा है कि सेल अब आइबी से सुराग मिलने का इंतजार कर रही है। आइबी को उक्त संवेदनशील मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो पीएफआइ समेत तमाम देश भर में हो रही तमाम मुस्लिम संगठनों की बैठकों पर नजर रख रही है। वहीं से सुराग मिलने की उम्मीद है तभी सेल की जांच आगे बढ़ पाएगी।सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आइबी बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों के फोन इंटरसेप्ट करने का काम करती है। हो सकता है उनके बीच आरडीएक्स रखने वालों के बारे में बातचीत होने पर सुराग मिल जाए।
गत 14 जनवरी की सुबह गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर एक के बाहर काले रंग के बैग में तीन किलो आरडीएक्स मिलने पर तमाम मशक्कत के बाद सेल ने एक माह बाद सीमापुरी स्थित उक्त जगह को ढूंढ लिया था जहां रहने के दौरान दो आतंकियों ने अपने नापाक मंसूबे को अंजाम देने के लिए फ्लैट किराए पर लिया था।
सेल की टीम जब उक्त फ्लैट तक पहुंची तो उससे पहले दोनों फरार हो चुके थे। तस्वीरें मिल जाने पर सेल को उम्मीद थी कि उनकी पहचान हो जाएगी लेकिन अबतक सफलता नहीं मिल पाई है।14 जनवरी को गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर एक के बाहर बैग में तीन किलो आरडीएक्स मिलने पर सेल ने वहां से विभिन्न मोबाइल कंपनियों के डंप डाटा उटाकर उसकी जांच की थी। आइईडी मिलने वाले दिन व उससे कुछ हफ्ता पहले तक मंडी आने जाने वाले वाहन मालिकों से भी पूछताछ की थी।
मंडी के बाहर-भीतर समेत आसपास की सड़कों पर लगे करीब 800 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को एक माह तक खंगाला था।तब जाकर कौशांबी स्थित ईडीएम माल के बाहर लगे कैमरे में एक काले रंग की बाइक की पहचान की गई जिसके पास मास्क लगाए दो युवक संदिग्ध हालत में बैग लेकर खड़े पाए गए थे। मंडी के बाहर बैग रखने के बाद वापस लौटते हुए भी उक्त बाइक व दोनों संदिग्धों की तस्वीरें कैद मिली थी।
जिससे जांच एजेंसी को शक गहरा गया था। उसी सुराग को विकसित करते हुए सेल की टीम सीमापुरी तक भी पहुंच गई थी।वहां करीब एक सप्ताह तक सेल की टीम सादे कपड़ों में घर-घर जाकर गोपनीय तरीके से जांच की थी। 17 फरवरी को दोनों संदिग्धों के ठिकानें का पता भी लग गया।
फ्लैट में बाहर से ताला लगा हुआ था। ताला तोड़कर अंदर प्रवेश करने पर वहां भी एक बैग में दो किलो आइईडी मिला था।फ्लैट के अंदर आइईडी मिलने से सेल को दूसरी बार उम्मीद जगी की मकान मालिक व पड़ोसियों से दोनों की पहचान हो जाएगी। लेकिन मकान मालिक हाशिम, उसकी पत्नी व पड़ोसियों से पूछताछ पर भी दोनों के सही नाम व पते की जानकारी नहीं मिल पाई।
जांच से पता चला था कि गाजीपुर में आरडीएक्स रखने से पहले दोनों ने वहां फ्लैट किराए पर लिया था। मकान मालिक ने बगैर उनके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किए व पुलिस सत्यापन कराए उन्हें फ्लैट दे दिया था। फ्लैट लेने के बाद दोनों वहां बहुत कम आते जाते थे। आड समय में जब वे फ्लैट पर आते थे तब उनपर किसी की नजर नहीं पड़ती थी।वे पड़ोसी से मिलते जुलते भी नहीं थे।
आने जाने के क्रम में मास्क लगाए होते थे। जिससे किसी की उनके चेहरे पर नजर नहीं पड़ी थी। सीमापुरी, सुनार वाली गली के डी 49 में फ्लैट के अंदर आइईडी मिलने पर वहां की गलियों की तलाशी लेने पर उक्त बाइक भी लावारिस खड़ी मिल गई थी जिसका इस्तेमाल गाजीपुर में आइईडी रखने में किया गया था। उसी बसइक को ढूंढते हुए सेल सीमापुरी पहुंची थी। काले रंग की हीरो होंडा स्प्लेंडर बाइक (मालिक अजरुददीन) शास्त्री पार्क थानाक्षेत्र से 19 नवंबर 2020 को चुराई गई थी।